tagline_logo

  • Book an Appointment

logo

  • The CK Birla Group
  • News and Media
  • Gynaecology
  • Neonatology & Paediatrics
  • Fetal Medicine
  • Fertility & IVF
  • Pain Management
  • Diagnostics
  • Emergency & Critical Care
  • GI, Minimal Access & Bariatric Surgery
  • Gastroenterology
  • Plastics & Aesthetics Centre
  • Dermatology
  • Internal Medicine
  • Preventive health
  • Physiotherapy
  • Orthopaedics
  • Robotic Surgery
  • The Breast Centre
  • Pulmonology
  • Nephrology & Dialysis
  • Mental Health
  • Fitness & Wellness
  • Paediatric Surgery
  • Patient Stories
  • International Patients

pet problem solution in hindi

पेट दर्द (Stomach Pain)के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

pet problem solution in hindi

पेट शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जो शरीर की कार्यप्रणाली में एक अमाह भूमिका निभाता है। शरीर में होने वाली अत्यधिक आंतरिक समस्याएं पेट से जुड़ी होती है।  पेट खाना ग्रहण कर उससे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। खान-पान में गड़बड़ी या दूसरी कारणों से पेट में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, पेट में दर्द होना भी उन्हीं में से एक है।

Table of Contents

पेट दर्द क्या होता है (What is Stomach Pain)

पेट दर्द कई कारणों से हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह कब्ज, गैस, दस्त, सीने में जलन, अल्सर और गुर्दे की पथरी के कारण होता है। हालांकि, पेट में दर्द के अन्य भी कारण हो सकते हैं। 

Robotic Surgery in Delhi-Gurgaon

पेट दर्द होने के लक्षण (Symptoms of Stomach Pain)

पेट में दर्द के कई लक्षण होते हैं। हालांकि, इसके मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  • पेट में गुड़गुड़ाहट
  • खट्टी डकार आना
  • पेट में अत्यधिक गैस बनना
  • मल के साथ खून आना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • पेट में भारीपन महसूस होना
  • पेट में सुई चुभने जैसा दर्द होना
  • रुक-रुक कर पेट में दर्द होना
  • पेट छूने पर मुलायम महसूस होना 
  • कुछ मामलों में उल्टी के साथ खून आना
  • कभ-कभी पेशाब करते समय दर्द होना

पेट दर्द होने के कारण (Reasons for Stomach Pain)

पेट दर्द क्यों होता है.

पेट में दर्द (Stomach Pain) कई कारणों से हो सकता है। पेट दर्द के मुख्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  • खाना हजम नहीं होना
  • कब्ज की शिकयत
  • अपेंडिसाइटिस 
  • फूड पॉइजनिंग
  • अल्सर या फोड़ा
  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम
  • पित्त की पथरी 
  • एंडोमेट्रियोसिस 
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस
  • मासिक धर्म के दौरान ऐंठन
  • पेल्विक क्षेत्र की सूजन की बीमारी

इन सबके अलावा, पेट में दर्द के दूसरे भी अनेक कारण हो सकते हैं जैसे कि दिल का दौरा और निमोनिया आदि।

पेट दर्द से राहत पाने के उपाय (How to Treat Stomach Pain)

पेट दर्द को कैसे दूर करें.

पेट में दर्द (Stomach Pain) से राहत पाने के लिए अनेक तरीके मौजूद हैं। पेट के दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खों, अंग्रेजी दवाओं, आयुर्वेदिक दवाओं, होम्योपैथिक दवाओं आदि का उपयोग किया जा सकता है। 

अगर पेट में दर्द का कारण बदहजमी, गैस, फूड पॉइजनिंग या कोई दूसरी सामान्य समस्या है तो दवाओं से इसका उपचार किया जा सकता है।  अगर पेट दर्द का कारण कोई गंभीर बीमारी या समस्या है तो इस स्थिति में डॉक्टर सर्जरी का उपयोग कर सकते हैं। 

पेट में दर्द के सटीक कारण की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर जांच का सहारा लेते हैं। जांच का परिणाम आने के बाद, डॉक्टर पेट दर्द के कारण और मरीज की उम्र एवं समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपचार के माध्यम का चुनाव करते हैं।

पेट में दर्द होने पर नीचे दिए गर खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है:-

  • ड्राई फ्रूट
  • कम मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थ

पेट में दर्द होने पर आपका डाइट कैसे होना चाहिए इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। अपने मन मुताबिक पेट दर्द के दौरान किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

पेट में दर्द होने पर किन चीजों से परहेज करें (Things/foods to Avoid in Stomach Pain)

पेट दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए.

जहां एक तरफ, पेट दर्द होने पर आपको कुछ चीजों का सेवन करने का सुझाव दिया जाता है, वहीं दूसरी तरह आपको कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करने को कहा जाता है। पेट दर्द होने पर आपको निम्न चीजों से परहेज करना चाहिए:-

  • चाय और कॉफी
  • शराब और सिगरेट
  • तम्बाकू और गुटखा
  • फैट से भरपूर पदार्थ
  • तैलीय और मसालेदार पदार्थ
  • टमाटर से बने खाद्य पदार्थ
  • कार्बोनेटेड पेय जल
  • डेयरी उत्पाद

पेट में दर्द होने पर ऊपर दिए गए खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि ये पेट दर्द को बढ़ाकर दूसरी जटिलताएं पैदा कर सकते हैं।

पेट दर्द के घरेलू उपाय (Home Remedies for Stomach Pain)

पेट दर्द का घरेलू उपचार/इलाज.

पेट दर्द का घरेलू उपचार किया जा सकता है। अगर पेट में दर्द का कारण कब्ज, बदहजमी या कोई आम समस्या है तो कुछ खास घरेलु नुस्खों से इसका उपचार किया जा सकता है। पेट में दर्द का उपचार निम्न घरेलू नुस्खों से किया जा सकता है:-

 पेट-दर्द-का-घरेलू-उपचार

  • सौंफ:- पानी में एक चम्मच सौंफ उबालकर ठंडा होने के पास उसे छानकर पीएं
  • हींग:- एक गिलास हल्का गर्म पानी में एक चुटकी हींग मिलकर उसका सेवन करें
  • पुदीना:- पुदीना की चाय बनाकर दिन भर में 2-4 कप उस चाय का सेवन करें
  • अदरक:- पानी में अदरक डालकर उसे उबालना और फिर उसे छानने के बाद, पानी में शहद मिलाकर उसका सेवन करें।
  • सेब का सिरका:- एक कप हल्का गर्म पानी में सेब का सिरका और शहद मिलाकर उसे अच्छी तरह मिक्स करें और फिर उसका सेवन करें
  • कैमोमाइल:- पानी में कैमोमाइल डालकर उसे अच्छी तरह उबालें और उसे छान लें, फिर अपने स्वाद मुताबिक निम्बू का रस और शहद मिलाकर उसका सेवन करें
  • बेकिंग सोडा:- एक गिलास हल्का गर्म पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा और एक चम्मच निम्बू का रस एवं आधा चम्मच नमक को अच्छी तरह मिलाकर उसका सेवन करें

इन सबके अलावा, आप दही और चावल के पानी का भी उपयोग कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि पेट दर्द का उपचार करने की नियत से किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल या सेवन करने से पहले डॉक्टर से उनकी राय अवश्य लें।

पेट दर्द होने पर जीवनशैली में कैसा बदलाव लाना चाहिए (Lifestyle Changes in Stomach Pain)

पेट दर्द में लाइफस्टाइल.

पेट दर्द होने पर आपको अपने जीवन में अनेक बदलाव लाना चाहिए, क्योंकि इससे दर्द को कम करने में काफी मदद मिलती है।  पेट में दर्द होने पर आप अपनी जीवनशैली में निम्न बदलाव ला सकते हैं:-

  • चाय या कॉफी का सेवन न करें
  • शराब और सिगरेट से दूर रहें
  • तैलीय और मसालेदार चीजें न खाएं
  • स्ट्रीट फूड्स से बचें
  • फास्ट फूड्स का सेवन न करें
  • भारी समान न उठाएं
  • रात में हेवी खाना न खाएं
  • खाना खाने के बाद कुछ समय तक टहलें
  • खाना खाने के तुरंत बाद लेटने से बचें
  • रोजाना सुबह और शाम में हल्का-फुल्का व्यायाम करें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
  • हल्का खाना जैसे कि खिचड़ी और दलिया आदि खाएं
  • चिंता या किसी और तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें

साथ ही, घरेलू नुस्खों या दवाओं से पेट दर्द ठीक नहीं होने पर डॉक्टर से मिलकर अपने पेट दर्द का उचित जांच और इलाज कराएं। लंबे समय तक पेट दर्द को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।

  • A previous case of high-risk pregnancy
  • Multiple pregnancies
  • Preterm labour
  • Need for continuous electronic monitoring

Leave A Response

Book a free consultation, book a consultation.

Your mail has been send!

Do you have a question?

pet problem solution in hindi

Get in touch with us

Home  »  हिंदी  »  घरेलू उपचार

पेट में गैस की समस्या दूर करने के उपाय और इलाज – Stomach Gas Problem Solution in Hindi

Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations. She graduated as a... read full bio

सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक व प्रिंट म... read full bio

Image: ShutterStock

अगर किसी दिन पेट में गैस बन जाए, तो खाना-पीना और काम करना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को तो गैस का दर्द इतना परेशान करता है कि उनके लिए सांस तक लेना कठिन हो जाता है। गैस के चलते पेट में भारीपन व दर्द, आंखों में जलन, उल्टी आने का अहसास होना और सिर में दर्द तक होता है। कहने को तो यह सिर्फ गैस भर होती है, लेकिन इसे अनदेखा करने पर कई गंभीर परिणाम तक भुगतने पड़ सकते हैं। कब्ज, एसिडिटी व अल्सर आदि गैस से होने वाले रोग हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल के जरिए हम पेट में गैस की समस्या को समझने का प्रयास करेंगे। साथ ही गैस का दर्द कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार व जरूरी टिप्स भी बताएंगे। आर्टिकल में दिए गए पेट गैस के घरेलू उपाय कई शोधों पर आधारित हैं, जो जानवरों और इंसानों पर किए गए हैं।

अंत तक पढ़ें आर्टिकल

आर्टिकल में सबसे पहले हम पेट में गैस होने के विभिन्न कारण के बारे में बता रहे हैं।

पेट में गैस के कारण – Causes of Stomach Gas in Hindi

पेट में गैस के कारणों को लेकर कई प्रकार के शोध किए गए हैं। विभिन्न शोध में पाया गया है कि पेट में गैस के कारण होते हैं। यहां हम कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बता रहे हैं ( 1 ) ( 2 ) ( 3 ):

  • एस्प्रिन, इबुप्रोफेन और नेपरोक्सन जैसी दवाओं के सेवन से
  • अधिक शराब व चाय-कॉफी पीने से
  • पेट में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण होने से
  • पर्निशस एनीमिया जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के कारण
  • पेट में बाइल एसिड के जमा होने पर
  • कोकीन की लत लगने पर
  • गैस का कारण बनने वाले भोजन का सेवन करने से
  • ज्यादा मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से
  • प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने पर वायरल संक्रमण, जैसे साइटोमेगालोवायरस और हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के कारण
  • अधिक तनाव लेने से
  • दूध व दूध के उत्पादों को पचा पाने में असमर्थ होने पर
  • आंतों में सूजन या जलन होने पर
  • मधुमेह की शिकायत होने से

पढ़ते रहें आर्टिकल

पेट में गैस के कारण को जानने के अब हम गैस की समस्या के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।

पेट में गैस के लक्षण – Symptoms of Stomach Gas Problem in Hindi

गैस की समस्या के लक्षण में पेट में हल्की जलन होने से लेकर तेज दर्द तक शामिल है। हालांकि, हल्की जलन को अनदेखा किया जा सकता है, लेकिन गैस का दर्द बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। पेट में गैस के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं ( 2 ) ( 3 ):

  • भूख में कमी
  • पेट में दर्द और सूजन
  • लगातार हिचकी आना
  • काला या लाल मल
  • खून की उल्टी
  • ऐंठन व बेचैनी
  • गैस से घबराहट भी हो सकती है

अगर उल्टी व मल के साथ खून नजर आता है और पेट में ऐंठन व बेचैनी महसूस हो, तो शीघ्र डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ये सब गैस से होने वाले रोग के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों का मतलब यह है कि समस्या गंभीर रूप ले चुकी है और इसकी अनदेखी करना सही नहीं है ( 2 )।

नीचे स्क्रॉल करें

आर्टिकल के अगले भाग में हम पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय बता रहे हैं।

पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Stomach Gas in Hindi

गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अधिकतर लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, जिनके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए, यहां हम कुछ घरेलू उपचार से गैस से छुटकारा पाने के उपाय बता रहे हैं। दिए गए पेट गैस के घरेलू उपाय गैस की समस्या के प्रारंभिक लक्षणों को दूर करने में फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर द्वारा दिया गया ट्रीटमेंट ही फायदेमंद होता है।

1. बेकिंग सोडा

  • एक चम्मच बेकिंग सोडा
  • एक गिलास पानी

कैसे करें प्रयोग :

  • बेकिंग सोडा को पानी में अच्छी तरह मिला लें।
  • इसके बाद यह पानी पी जाएं।

कितनी बार करें :

  • जब भी जरूरत हो इसे पिया जा सकता है।

कैसे है लाभकारी :

बेकिंग सोडा का उपयोग सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। उन्हीं में से एक है गैस का इलाज। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर इस संबंध में एक शोध उपलब्ध है। शोध के अनुसार, मनुष्यों के पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है, जो भोजन काे पचाने में मदद करता है ( 5 )। जब हाइड्रोक्लोरिक एसिड में सोडियम बाइकार्बोनेट यानी बेकिंग सोडा को मिलता है, तो यह केमिकल तुरंत कार्य करता है और गैस के उत्पादन को धीमा कर सकता है ( 6 )। इस आधार पर कहा जा सकता है कि बेकिंग सोडा का उपयोग गैस की दवा के रूप में समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है ।

  • दो चम्मच ताजा एलोवेरा जेल
  • एलोवेरा जेल को पानी में अच्छी तरह मिक्स करें और पी जाएं।
  • आप दिनभर में से एक-दो गिलास पी सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं में एलोवेरा के फायदे देखे गए हैं। गैस के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। पेट में गैस बनने का एक कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरियल संक्रमण भी है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है। इससे पेट की गैस को कम करने और गैस का इलाज करने में कुछ हद तक फायदा मिल सकता है ( 6 )।

3. नारियल पानी

  • नारियल पानी
  • इसे दिन में किसी भी समय पी सकते हैं।
  • दिनभर में तीन-चार गिलास नारियल पानी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

नारियल पानी का उपयोग करने के कई फायदे हैं। जहां इसे पाचन में अच्छा माना जाता है, वहीं इसे गैस की दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नारियल पानी की इस खूबी की पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक शोध किया गया। शोध में पाया गया कि नारियल पानी में पाचन क्रिया को सुधारने के साथ गैस्ट्रिक समस्या को कम करने वाले गुण भी पाए जाते हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गैस का इलाज करने में नारियल पानी फायदेमंद हो सकता है ( 7 )।

4. ग्रीन टी

  • एक चम्मच ग्रीन टी पाउडर या ग्रीन टी बैग
  • एक चम्मच शहद
  • सबसे पहले पानी को अच्छी तरह गर्म कर लें।
  • फिर इसमें शहद डालकर मिक्स कर लें।
  • इसके बाद पानी में ग्रीन टी पाउडर या ग्रीन टी बैग डालें।
  • अगर पाउडर डाल रहे हैं, तो उसे मिक्स करें और छानकर पिएं।
  • वहीं, अगर टी बैग इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे पानी में डालकर कुछ देर के लिए छोड़ दें और फिर पिएं।
  • पूरे दिन में करीब दो कप ग्रीन टी पी सकते हैं।

गैस की समस्या को कम करने के लिए ग्रीन टी के फायदे भी देखे गए हैं। ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो सीधा पेट की अंदरूनी परत पर असर डालता है । इससे गैस की समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस चाय को गैस की दवा के रूप में प्रतिदिन पीने से पुरानी से पुरानी गैस की समस्या दूर हो सकती है। इसलिए, गैस से होने वाले रोग से बचने के लिए ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। इस तथ्य की पुष्टि एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध एक रिसर्च पेपर से होती है ( 8 )।

  • 1 छोटा चम्मच नींबू का रस
  • आधा गिलास पानी
  • रस को पानी में मिलाएं।
  • दिनभर में दो गिलास नींबू पानी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

सेहत के लिए नींबू को कई प्रकार से फायदेमंद माना गया है। इसका इस्तेमाल गैस की दवा के रूप में भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध विभिन्न शोध के अनुसार, नींबू को सिट्रस फ्रूट की श्रेणी में रखा जाता है। नींबू जैसे सिट्रस फ्रूट में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले ये गुण गैस की समस्या का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। इससे पेट में गैस की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है ( 9 )।

प्रक्रिया नंबर-1

  • अदरक का छोटा-सा टुकड़ा
  • अदरक के टुकड़े को कुछ देर तक चबाएं।
  • फिर पानी की मदद से इसे निगल जाएं।

प्रक्रिया नंबर-2

  • अदरक का पाउडर
  • एक चुटकी हींग
  • एक कप गर्म पानी
  • सभी सामग्रियों को पानी में मिक्स करके पिएं।
  • अच्छे परिणाम के लिए हर सुबह सेवन करें।

आयुर्वेद में अदरक का अपना विशेष स्थान है। सेहत के लिए अदरक के फायदे देखे गए हैं। अदरक पेट के विकारों को दूर करने में मददगार हो सकता है। शोध के अनुसार अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण के कारण पेट में होने वाली सूजन को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं । इससे गैस का इलाज करने में मदद मिल सकती है ( 10 )।

  • एक चम्मच जीरा
  • पहले तो जीरे को हल्का भून लें और फिर इसे मिक्सी में बारीक पीस लें।
  • फिर पानी को गर्म करें और उसमें इस पाउडर को मिक्स करें।
  • इसके बाद यह पानी पी लें।
  • दिन में दो या तीन बार खाना खाने के बाद पिएं।

जीरा का उपयोग न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, आयुर्वेद में इसे गुणकारी औषधि भी माना गया है। इसकी खेती सबसे ज्यादा एशिया, अफ्रीका और यूरोप में होती है। जीरा में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण ही यह गैस व पेट की अन्य बीमारियों में रामबाण की तरह काम कर सकता है ( 11 )।

8. नारियल तेल

  • थोड़ा-सा वर्जिन नारियल तेल
  • इस तेल को भोजन बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

एक दिन में दो-तीन चम्मच नारियल तेल को भोजन में शामिल किया जा सकता है।

नारियल का तेल कई प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुण गैस्ट्रिक अल्सर को दूर करने और गैस की समस्या को कम करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं । एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वर्जिन नारियल तेल में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गतिविधि पाई जाती है। यह गुण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरियल संक्रमण को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला एंटी-अल्सर गुण गैस के कारण होने वाली अल्सर की समस्या को भी कुछ हद तक दूर करने और गैस को रोकने के उपाय में मदद कर सकता है ( 12 )।

  • साधारण योगर्ट

इसे भोजन के साथ या फिर स्नैक्स के तौर पर खाया जा सकता है।

  • प्रतिदिन एक-दो कटोरी योगर्ट का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।

गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया पेट में गैस बनने का मुख्य कारण हैं। वहीं, योगर्ट में प्रोबायोटिक गुण पाया जाता है। अभी तक हुए कई वैज्ञानिक शोध में माना गया है कि गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी पर प्रोबायोटिक प्रभावी तरीके से काम कर सकता है ( 13 ) ( 14 )। इसलिए, गैस को रोकने के उपाय में योगार्ट का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।

  • दो चम्मच शहद
  • एक गिलास गर्म पानी
  • शहद को गर्म पानी में अच्छी तरह मिक्स कर लें।
  • फिर इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं।
  • हर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।

सेहत के लिए शहद फायदेमंद हैं। इसका कारण है इसमें मौजूद विभिन्न प्रकार के गुण, जो बीमारियों को दूर करने के साथ ही शरीर को निरोगी बनाने में फायदेमंद हो सकते हैं। इन्हीं गुणों में हैं इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण। ये दोनों गुण ही गैस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। जहां एक ओर एंटीइंफ्लेमेटरी गुण गैस के कारण आई पेट की सूजन को कम करने में असर दिखाता है। वहीं, एंटीबैक्टीरियल गुण गैस का कारण बनने वाले विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया को दूर कर इस समस्या से राहत दिला सकता है। इस आधार पर शहद को गैस के लिए घरेलू उपाय की श्रेणी में रखा जा सकता है ( 15 )।

11. दालचीनी

  • आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
  • 1 गिलास गुनगुना पानी
  • दालचीनी पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाएं।
  • फिर इसका आराम-आराम से सेवन करें।
  • हर सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।

दालचीनी का उपयोग रसोई में न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए मसाले के रूप में होता है, बल्कि इसमें मौजूद गुण के कारण यह स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में भी लाभदायक है। गैस के लिए घरेलू उपाय के लिए भी दालचीनी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इस विषय में कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं। ऐसे ही एक शोध के अनुसार, दालचीनी में बैक्टीरिसाइडल गुण पाए जाते हैं। यह गुण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है, लेकिन शोध में इसे अधिक कारगर नहीं माना गया है ( 16 )। इसलिए, गैस के संबंध में दालचीनी पर और शोध किए जाने की जरूरत है।

  • 5 ग्राम हल्दी पाउडर
  • 5 ग्राम नमक
  • हल्दी और नमक को आपस में मिला लें।
  • फिर इसे पानी के साथ सेवन करें।
  • आप पानी को हल्का गुनगुना भी कर सकते हैं।
  • एक चम्मच हल्दी पाउडर
  • योगर्ट व केला
  • हल्दी को योगर्ट या फिर केले के साथ मिक्स करके पेस्ट बना लें।
  • दिन में एक या दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।

हल्दी से भोजन में सिर्फ स्वाद ही नहीं आता, बल्कि हल्दी का उपयोग इसमें मौजूद गुणों के कारण सेहत के लिए भी किया जाता है। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय में भी इसे शामिल किया जा सकता है। शोध में देखा गया है कि हल्दी के सेवन से पेट में गैस के कारण हो रही जलन और सूजन को कम किया जा सकता है ( 17 )। अन्य शोध के मुताबिक, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण पाए गए हैं। इसलिए, गैस की समस्या में हल्दी कुछ हद तक फायदेमंद साबित हो सकती है ( 18 )।

13. कैमोमाइल चाय

  • 6 से 7 कैमोमाइल के फूल धुले हुए
  • 1 गिलास पानी
  • शहद (स्वाद के लिए)
  • पानी को गर्म करें और इसमें कैमोमाइल के फूल और अगर जरूर हो, ताे शहद मिला लें।
  • जब पानी अच्छी तरह से गर्म हो जाए, तो गैस बंद कर दें और पानी को एक कप में छान लें।
  • गुनगुना होने पर इसका सेवन चाय की तरह करें।
  • इसका सेवन दिन में एक बार कर सकते हैं।

कैमोमाइल चाय के फायदे स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि कैमोमाइल गैस के लिए घरेलू उपाय हो सकता है। इसका उपयोग पेट की जलन, अपच, दस्त, मोशन सिकनेस, मतली और उल्टी सहित विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार के इलाज के लिए किया जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि कैमोमाइल हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को रोकता है, जो पेट में अल्सर और गैस का कारण बन सकता है ( 19 )।

  • 1-2 ग्राम अजवाइन
  • छोटी गुड़ की डली
  • गुड़ में अजवाइन मिलाएं और फिर इसकी गोलियां बनाकर खाएं।
  • दिन में एक या दो बार खा सकते हैं।

अजवाइन का उपयोग सदियों से हर्बल दवा के रूप में किया जा रहा है। माना जाता है कि इसमें कई गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं गुणों में इसके एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी हैं। ये गुण गैस को रोकने के उपाय में फायदेमंद हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि अजवाइन में पाए जाने वाले ये गुण गैस की समस्या का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के प्रभाव को कम करने और इससे होने वाले संक्रमण को रोकने में फायदेमंद हो सकते हैं ( 20 )।

15. मुलेठी की जड़

  • एक चम्मच मुलेठी पाउडर
  • मुलेठी पाउडर को गर्म पानी में डालकर मिक्स करें और करीब 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • इसके बाद पानी को छाने और पिएं।
  • इस मिश्रण को दिनभर में कम से कम एक बार पिया जा सकता है।

गले में खराश और खांसी-जुकाम से लेकर पेट की बीमारियों तक के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर मुलेठी के पाउडर को पानी में घोलकर पिया जाता हैं, तो यह पेट की परतों को हानिकारक बैक्टीरिया और गैस से होने वाले अल्सर से बचाता है। मुलेठी में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण भी होता है, जिस कारण यह पेट के अल्सर और गैस का कारण बनने वाले बैक्टीरियल संक्रमण को कम कर सकता है ( 21 )। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय के रूप में मुलेठी का सेवन कर सकते हैं।

16. काली मिर्च

  • एक चम्मच काली मिर्च
  • काली मिर्च को गर्म पानी में डालकर पिएं।
  • आधा चम्मच काली मिर्च
  • आधा चम्मच काला नमक
  • आधे नींबू का रस
  • इन सभी सामग्रियों को पानी में मिक्स करके सेवन करें।
  • आप प्रतिदिन एक बार इनका सेवन कर सकते हैं।

काली मिर्च का उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने के लिए किया जा सकता है। शोध के अनुसार काली मिर्च में गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव (gastro-protective) गुण पाए जाते हैं। काली मिर्च में पाया जाने वाला यह गुण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की कार्यक्षमता को और पेट में बनने वाली गैस की समस्या को बेहतर करने में मददगार हो सकता है ( 22 )।

17. पुदीने का तेल

  • 2 या 3 बूंद पुदीने का तेल
  • आधा गिलास गुनगुना पानी
  • तेल की बूंदों को पानी में मिलाएं।
  • फिर इस मिश्रण को पी जाएं।
  • बेहतर परिणाम के लिए हर सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।

आयुर्वेद में पुदीने के तेल का उपयोग भी कई बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याें से निजात पाने के लिए किया जाता रहा है। इसका उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने और इसके कारण होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए भी किया जा सकता है। एक शोध में विभिन्न तरह के तेलों को उपयोग किया गया, जिसमें पुदीना का तेल भी शामिल था। शोध में पाया गया कि कई तेलों के साथ-साथ पुदीने के तेल में भी गैस की समस्या का कारण बनने हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के खिलाफ एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण होता है ( 23 )। अभी इस संबंध में और वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।

18. रोजमेरी

  • रोजमेरी तेल की 2 से 3 बूंदें
  • रोजमेरी तेल की बूंदों को पानी में डालें।
  • फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
  • दिन में एक बार इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है।

रोजमेरी का उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने में किया जा सकता है । रोजमेरी का इस्तेमाल करने से गैस का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टेरिया को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है। यह बैक्टीरिया गैस्ट्र्रिटिस और अल्सर जैसी समस्या का कारण बन सकता है। हालांकि, रोजमेरी किस गुण के कारण गैस की समस्या को ठीक करता है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है ( 24 )।

19. विटामिन

पाचन तंत्र ठीक तरह से काम नहीं करेगा, तो गैस, एसिडिटी, अपच और कब्ज होना तय है। अगर इन सभी स्थितियों से बचना चाहते हैं, तो विटामिन से युक्त खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। ये जरूरी विटामिन शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। साथ ही पेट की अंदरूनी परत को क्षति होने से बचाते हैं और अल्सर की आशंका को कम कर सकते हैं ( 25 )। चिकन, अंडे, दही और अनाज में भरपूर मात्रा में विटामिन पाया जाता है। वहीं, नींबू, संतरे और आंवला जैसे सिट्रस फलों में विटामिन भरपूर मात्रा में होता है, लेकिन किसे-कितने विटामिन की जरूरत है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर तरीके से बता सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर से पूछने के बाद ही अपने आहार में विटामिन की मात्रा को तय करें।

गैस दूर करने के घरेलू नुस्खे के बाद यहां हम बता रहे हैं कि गैस की समस्या का इलाज कैसे कर सकते हैं।

गैस की समस्या का इलाज – Treatment of Stomach Gas Problem in Hindi

गैस की समस्या के कुछ कारण तो समय के साथ दूर हो जाते हैं, लेकिन कुछ गंभीर कारणों का इलाज जरूरी होता है। यहां हम उपचार के रूप में बता रहे हैं कि गैस के लिए क्या करना चाहिए ( 1 )। डॉक्टर कुछ दवाओं का सेवन करने के लिए कह सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • एंटासिड: यह ऐसी दवा हैं, जो पेट में एसिड को बेअसर करती हैं। साथ ही एंटीबायोटिक्स के सेवन से हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने वाले पुराने गैस्ट्रिटिस का इलाज किया जा सकता है।
  • एच 2 एंटागोनिस्ट: वे दवाएं जो पेट में एसिड की मात्रा को कम कर सकती हैं, जैसे – फैमोटिडीन (पेप्सिड), सिमेटिडाइन (टैगामेट) और रेनिटिडिन (जेनटेक) आदि।
  • प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPI): ये दवाएं लंबे समय तक पेट में एसिड नहीं बनने देती हैं। इन दवाओं में ओमेप्राजोल (प्रिलोसेक), ऐसोमपराजोले (नेक्सियम), रेबेप्राजोल (एसिपेक्स) और पैंटोप्राजोल शामिल हैं।

बने रहें हमारे साथ

जानते हैं कि गैस की समस्या के लिए योग किस प्रकार से फायदेमंद हो सकता है।

गैस की समस्या के लिए योग – Yoga For Gastritis in Hindi

दवाओं के साथ योग का अभ्यास पाचन रोगों से संबंधित लक्षणों को नियंत्रित करने और उन्हें दूर करने में मददगार हो सकता है। साथ ही योग तनाव को भी कम करता है, जिससे गैस, जीईआरडी (गैस्ट्रोफेगल रिफलक्स डिजीज) और पेप्टिक अल्सर जैसी समस्या को कुछ कम किया जा सकता है ( 26 )। यहां हम गैस की समस्या के लिए योग के कुछ प्रकार बता रहे हैं:

  • पादहस्तासन: कब्ज, गैस और एसिडिटि की समस्या को दूर कर पाचन तंत्र बेहतर बना सकता है। इसके अलावा, पेट कम करने के लिए भी यह आसन किया जा सकता है।
  • कपालभाति: इस कपालभाति प्राणायाम से तनाव के साथ-साथ गैस, कब्ज और एसिडिटी को दूर किया जा सकता है ।
  • उत्तानपादासन: अपच, कब्ज और गैस की समस्या होने पर यह आसन राहत दिला सकता है।
  • पवनमुक्तासन: एसिडिटि और कब्ज से राहत दिलाने के साथ ही यह पेट की गैस को भी बाहर निकालने में मदद कर सकता है।

आइए, अब गैस की समस्या के लिए आहार के बारे में भी जान लेते हैं।

गैस की समस्या के लिए आहार – Diet For Stomach Gas Problem in Hindi

गैस के लिए क्या करना चाहिए इसको जानने के बाद यहां हम बता रहे हैं कि क्या खाएं और क्या न खाएं। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो गैस की समस्या उत्पन्न करते हैं ( 27 )।

  • वसा युक्त, तले हुए, खट्टे और बहुत मसालेदार खाद्य पदार्थों से गैस की समस्या हो सकती है।
  • कॉफी, कोको और स्ट्रांग चाय का सेवन भी पेट में गैस बना सकता है।
  • कुछ सब्जी जैसे गोभी, कच्चा चुकंदर, प्याज, लहसुन और शलजम से भी गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है।
  • कोल्ड ड्रिंक्स पेट में कार्बन-डाई-ऑक्साइड पैदा कर सकते हैं, जिससे गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है ।
  • फ्रुक्टोज युक्त फल-सब्जियां जैसे आड़ू, प्लम और खीरे के सेवन से भी गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है।

कुछ खाद्य पदार्थ गैस दूर करने के उपाय के रूप में गैस्ट्रिटिस को राेकने और उसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें शामिल है ( 27 ):

  • सेब, दलिया, ब्रोकली, गाजर और सेम जैसे उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ।
  • आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं, जैसे – भुना हुआ चिकन और कम वसा वाला सूप।
  • ऐसे पेय जो कार्बोनेटेड नहीं होते हैं।
  • नमक मिलाकर दही का सेवन भी कर सकते हैं।

आगे है कुछ खास

आर्टिकल के इस भाग में हम गैस की समस्या से बचाव के उपाय के बारे में  बता रहे हैं।

गैस की समस्या से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Stomach Gas Problem in Hindi

जीवनशैली और आहार में परिवर्तन करके हो सकता है। यहां जानते हैं के बारे में:

पेट में गैस की समस्या का समाधान पाने के लिए ऊपर बताए गए घरेलू उपचार के साथ-साथ कुछ जरूरी नियमों का पालन करना भी जरूरी है। अगर आप इन गैस की समस्या से बचाव के उपाय को नियमित रूप से करते हैं, तो यह समस्या आपको कभी नहीं होगी।

  • आप प्रतिदिन कम से कम आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं। इससे पाचन तंत्र अच्छी तरह काम करता है और कब्ज की समस्या नहीं होती। पेट साफ होने पर हमारी आंतें अच्छी तरह काम करती हैं, जिससे गैस और एसिडिटी का सामना नहीं करना पड़ता।
  • तली और मिर्च-मसाले वाली चीजें खाने से पेट में जलन होती है और गैस बनने लगती है। इसलिए, ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बना कर रखें। साथ ही नोट करें कि कौन-सी चीज खाने से आपको पेट में जलन व गैस होती है। आप ऐसे खाद्य पदार्थों की लिस्ट बना सकते हैं और उन्हें खाने से परहेज करें।
  • जंक फूड से दूरी बनाकर रखें।
  • जो भी दवा का सेवन कर रहे हैं, उन पर भी नजर रखें। अगर उनमें से किसी दवा के सेवन से पेट में जलन व गैस महसूस होती है, तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं। डॉक्टर उसकी जगह अन्य दवा दे सकते हैं।
  • शराब, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन बिल्कुल न करें। ये हमारे पाचन तंत्र को खराब करते हैं, जिससे गैस और एसिडिटी होती है। साथ ही इनके सेवन से किडनी व फेफड़ों पर भी असर पड़ता है।
  • चाय-कॉफी का सेवन कम से कम करें। इनकी तासीर गर्म होती है, जिस कारण पेट में जलन होती है।
  • प्रतिदिन कम से कम 20-25 मिनट योगासन जरूर करें। इससे पेट के अंदरूनी अंग सही प्रकार से काम करते हैं और हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स होता है। शुरुआत में किसी ट्रेनर की देखरेख में पवनमुक्तासन, तितली आसन, पादहस्तान, नौकासन व सूर्य नमस्कार आदि कर सकते हैं। ये सभी न सिर्फ गैस की समस्या को दूर करते हैं, बल्कि वजन को संतुलित रखते हैं।
  • साथ ही सुबह की सैर और रात को खाने के बाद कुछ देर टहलें जरूर। इससे पाचन तंत्र अच्छा रहता है और भोजन आसानी से पच जाता है।
  • रात के खाने और सोने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर जरूर रखें ।

आपने आर्टिकल के माध्यम से जाना कि स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या काे छोटा नहीं समझना चाहिए, चाहे वह गैस की समस्या ही क्यों न हो। अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह गंभीर रूप ले सकती है। आर्टिकल में बताया गया है कि किस प्रकार से कुछ घरेलू सामग्रियों का उपयोग करके गैस से छुटकारा पाने के उपाय किए जा सकते हैं। वहीं, अगर यह समस्या गंभीर हो जाती है, तो डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल में दी गई गैस दूर करने के घरेलू नुस्खे की जानकारी से आपको जरूर लाभ होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

गैस्ट्राइटिस को शांत करने वाले खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं?

कम अम्लता वाले खाद्य पदार्थ जैसे सेब, दलिया, गाजर, भुना हुआ चिकन और प्रोबायोटिक युक्त दही।

गैस्ट्राइटिस और अल्सर में क्या अंतर है?

गैस्ट्राइटिस एक सामान्य सूजन है और एक अल्सर पेट की अंदरुनी परत पर होने वाला का एक छाला है ( 28 )।

गैस्ट्राइटिस की पहचान कैसे करें?

जी मिचलाना, उल्टी, भूख में कमी, पेट में दर्द और सूजन व लगातार हिचकी आना गैस्ट्राइटिस के आम लक्षण हैं ( 2 ) ( 3 )।

गैस्ट्राइटिस को ठीक करने में कितना समय लगता है?

यह गैस्ट्राइटिस के प्रकार, कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है कि कितने समय में इस समस्या में सुधार होगा।

गैस्ट्राइटिस के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं?

सही समय पर इलाज नहीं करने पर इससे एनीमिया (गैस्ट्राइटिस से रक्तस्राव के कारण हो सकता है), एट्रोफिक गैस्ट्राइटिस (पेट में सूजन), पेप्टिक अल्सर की समस्या (पेट में छाला) हो सकती है। वहीं, अगर गैस्ट्राइटिस का कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया है, तो आगे चलकर इससे कैंसर भी हो सकता है ( 29 )।

Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.

  • Gastritis https://medlineplus.gov/ency/article/001150.htm
  • Symptoms & Causes of Gastritis & Gastropathy https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/gastritis-gastropathy/symptoms-causes
  • Abdominal Gas https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK417/
  • How does the stomach work? https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279304/#:~:text=The%20hydrochloric%20acid%20in%20the,gastric%20juice%20also%20kills%20bacteria.
  • Gas Production After Reaction of Sodium Bicarbonate and Hydrochloric Acid https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/6090255/
  • Evaluation of biological properties and clinical effectiveness of Aloe vera: A systematic review https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4488101/
  • Metabolomics Analysis of the Deterioration Mechanism and Storage Time Limit of Tender Coconut Water during Storage https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7022768/
  • Protective Effect of Green Tea on the Risks of Chronic Gastritis and Stomach Cancer https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/11304697/
  • Effectiveness of Citrus Fruits on Helicobacter pylori https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5376954/
  • Standardized ginger (Zingiber officinale) extract reduces bacterial load and suppresses acute and chronic inflammation in Mongolian gerbils infected with cagA+Helicobacter pylori https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2849670/
  • Cuminum cyminum and Carum carvi: An update https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3210012/
  • Study of the mechanism of anti-ulcer effects of virgin coconut oil on gastric ulcer-induced rat model https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6764319/
  • Potential role of probiotics in the management of gastric ulcer https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4906699/
  • Are probiotics useful in Helicobacter pylori eradication? https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4588086/
  • Honey: its medicinal property and antibacterial activity https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3609166/
  • Bactericidal and anti-adhesive properties of culinary and medicinal plants against Helicobacter pylori https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4725184/
  • Turmeric, the Golden Spice https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK92752/
  • Effects of curcumin on Helicobacter pylori infection https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5233496/
  • Chamomile: A herbal medicine of the past with bright future https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2995283/
  • A Novel Compound From Celery Seed With a Bactericidal Effect Against Helicobacter Pylori https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19703351/
  • The healing effect of licorice (Glycyrrhiza glabra) on Helicobacter pylori infected peptic ulcers https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3818629/
  • Black Pepper and Health Claims: A Comprehensive Treatise https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23768180/
  • Current knowledge on alleviating Helicobacter pylori infections through the use of some commonly known natural products: bench to bedside https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5481734/
  • Suppression of Helicobacter Pylori-Induced Gastritis by Green Tea Extract in Mongolian Gerbils https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/14550260/
  • Vitamin Intake Reduce the Risk of Gastric Cancer: Meta-Analysis and Systematic Review of Randomized and Observational Studies https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4280145/
  • Can yoga be used to treat gastroesophageal reflux disease? https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3734640/
  • Prevention and Treatment of Flatulence From a Traditional Persian Medicine Perspective https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4893422/
  • An Overview of History, Pathogenesis and Treatment of Perforated Peptic Ulcer Disease with Evaluation of Prognostic Scoring in Adults https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3952291/
  • Gastritis: Peptic ulcers https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK310262/
  • पेट दर्द (Pet Dard) का इलाज – कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
  • पेट साफ करने के आसान घरेलू तरीके
  • दस्त (लूस मोशन) रोकने के घरेलू इलाज और उपाय
  • पेट की जलन के लिए 14 घरेलू उपाय

Dr. Zeel Gandhi BAMS

Saral jain हेल्थ एंड वेलनेस राइटर, लहसुन के फायदे, उपयोग और नुकसान - garlic (lahsun) in hindi, हल्दी के फायदे, उपयोग और नुकसान - amazing benefits of turmeric (haldi) in hindi, टी ट्री ऑयल के फायदे, उपयोग और नुकसान - all about tea tree oil in hindi, प्रेगनेंसी में आम खाने के फायदे और नुकसान - mango in pregnancy in hindi, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण, लक्षण और उपचार - cervical spondylosis causes, symptoms and treatment in hindi, मैग्नीशियम युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे - magnesium rich foods in hindi, आलू के रस के फायदे और नुकसान - potato juice benefits and side effects in hindi, कपूर के फायदे और नुकसान - camphor (kapoor) benefits and side effects in hindi, करेले के फायदे, उपयोग और नुकसान - bitter gourd (karela) benefits and side effects in hindi, तरबूज के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान - watermelon (tarbuj) benefits, uses and side effects in hindi, खाली पेट लहसुन खाने के फायदे और नुकसान - khali pet lahsun khane ke fayde, कान बहना: लक्षण, कारण, उपचार : ear discharge in hindi (kaan behna).

StyleCraze believes in credibility and giving our readers access to authentic and evidence-based content. Our stringent editorial guidelines allow us to only cite from reputed research institutions, academic journals, and medically established studies. If you discover any discrepancy in our content, you may contact us .

  • Aaj Tak Campus
  • India Today
  • Business Today
  • Cosmopolitan
  • Harper's Bazaar
  • Reader’s Digest
  • Brides Today

aajtak hindi news

NOTIFICATIONS

loading...

  • लाइफस्टाइल न्यूज़

Stomach Gas: अक्सर होती है पेट फूलने या गैस की समस्या? इन 4 कामों से मिलेगी बड़ी राहत

पेट फूलना एक आम समस्या है जो पेट में बनने वाली गैस होती है. इसे पेट की सूजन भी कहते हैं. सामान्य तौर पर ये खाना खाने के ठीक बाद महसूस होता है. इसकी वजह से पाचन क्रिया भी गड़बड़ हो जाती है. भले ही ये समस्या आम हो लेकिन नजरअंदाज करने पर गंभीर बीमारी भी बन सकती है. कुछ खास तरीकों से इस समस्या से राहत मिल सकती है..

कुछ खास टिप्स से पेट फूलने की समस्या से राहत मिलती है

  • 29 अप्रैल 2022,
  • (अपडेटेड 29 अप्रैल 2022, 3:00 PM IST)

pet problem solution in hindi

  • गैस की समस्या से कई लोग रहते हैं परेशान
  • एक्सपर्ट के खास टिप्स आएंगे काम

Stomach Bloating: जरूरत से ज्यादा खाना खाने से पेट फूलने की समस्या होना आम बात है. हालांकि अगर सामान्य डाइट लेने के बाद भी आपको पेट फूलने की शिकायत रहती है तो इसे नजरअंदाज ना कर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ये किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है. जिन लोगों को कभी-कभी इस दिक्कत से जूझना पड़ता है वो एक्सपर्ट के बताए कुछ खास तरीकों से राहत पा सकते हैं.

पेट फूलने के कारण- कुछ लोगों को आम लोगों से ज्यादा पेट फूलने की समस्या रहती है. इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं. जैसे कि इरिटेबल बॉएल सिंड्रोम (IBS), फूड इनटोलरेंस, पीरियड्स के समय, जल्दी-जल्दी खाने की आदत या फिर बहुत ज्यादा फाइबर का सेवन. पेट फूलने का एक और कारण आंत से जुड़ी बीमारी हो सकती है जिसे स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO) कहा जाता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, खाने के बाद, ये बैक्टीरिया फर्मेंटेड और कार्बोहाइड्रेट फूड से बनते हैं और मीथेन, हाइड्रोजन और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गैस बनाती हैं. आंत में इस तरह के गैस बनने से पेट में सूजन महसूस होती है. SIBO होने पर कुछ भी खाने के बाद पेट फूलना महसूस होता है. कुछ तरीकों से इस समस्या से बचा जा सकता है.

खाने के बीच ज्यादा गैप ना रखें- छोटी आंत खुद को साफ रखने का काम खुद ही करती है. पेट में जो खाना नहीं पच पाता है वो छोटी आंत से बड़ी आंत में चला जाता है. ये हर दो घंटे पर होता है जब हम खाना नहीं खा रहे होते हैं. ये क्रिया हमारे पेट में पाए जाने वाले छोटे-छोटे बैक्टीरिया को संतुलित रखती है. पेट में ये संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ भी खाने में कुछ घंटे का गैप रखें. 

धीरे-धीरे खाएं- हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाने को हमेशा धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए. जितना ज्यादा आप खाने को चबाएंगे, उतनी कम हवा आपके मुंह में जाएगी. मुंह में कम हवा जाने का मतलब है कि आपको पेट फूलने की समस्या उतनी ही कम होगी.

ज्यादा पानी पिएं- कभी-कभी सोडियम का बहुत ज्यादा सेवन भी पेट में सूजन पैदा कर देता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए खूब पानी पीना चाहिए. ज्यादा पानी शरीर में जमा सोडियम की ज्यादा मात्रा को बाहर निकालने में मदद करता है.

कम फर्मेन्टेशन वाला खाना खाएं- डाइटिशियन का कहना है कि कम खमीर यानी फर्मेन्टेशन वाला खाना खाने से SIBO के लक्षण महसूस नहीं होते हैं. हालांकि इस बात पर और शोध की जरूरत है. ज्यादा फर्मेन्टेशन वाले फूड जैसे कि आर्टिफिशियल स्वीटनर, बीन्स, फूलगोभी, और ब्रोकली पेट में गैस बनाने का काम करते हैं. इसलिए इस समस्या से बचने के लिए इन चीजों का सेवन कम करें.

  • महिलाओं को भूलकर भी नहीं खानी चाहिए ये 7 चीजें, सेहत पर डालती हैं गलत असर
  • आपकी आंखों में तो नहीं आता रहता पानी? बड़ी गड़बड़ी का है संकेत

सबसे तेज़ ख़बरों के लिए आजतक ऐप

Logo

  • डायबिटीज के प्रकार
  • इलाज और देखभाल
  • लक्षण और परीक्षण
  • रहन-सहन और प्रबंधन
  • संबंधित बीमारियाँ
  • क्रोनिक किडनी डिजीज के प्रकार
  • स्वास्थ्य A-Z
  • गर्भावस्था और परवरिश
  • डाइट और फिटनेस
  • डॉक्टर & हॉस्पिटल्स
  • हेल्थ न्यूज़

Not a member? Join today

  • स्वास्थ्य A-Z / पेट में गैस बनने के कारण, लक्षण और दूर करने के आसान घरेलू उपाय

pet me gas banane ke karan lakshan aur gharelu upchar, Order Medicine Online, Online Pharmacy India, Medicine Store, Online Medical Store, Purchase Medicine Online, Medicine Online, Online Pharmacy Noida, Online Chemist Crossing Republic, Online Medicines, Buy Medicine Online India, Online Pharmacy Gaur City

पेट में गैस बनने के कारण, लक्षण और दूर करने के आसान घरेलू उपाय

' src=

Aishwarya pillai

pet problem solution in hindi

पेट में गैस (Acidity) उत्पन्न होना हमारे पाचन क्रिया का स्वाभाविक कार्य है लेकिन आजकल करीब 80 प्रतिशत बीमारियों की जड़ पेट की समस्या ही है। पेट में गैस बनना कोई बीमारी नहीं है लेकिन एक ऐसी समस्या जरूर है जो पेट के साथ ही आंत एवं लीवर के कार्यों के गड़बड़ होने से उत्पन्न होती है। हमारा भोजन पेट में गैस की समस्या होने के पीछे का एक मुख्य कारण होता है। प्रतिवर्ष गैस की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए लोग दवाओं पर बहुत पैसा बर्बाद करते हैं। लेकिन सही दिनचर्या और उचित भोजन से इस बीमारी से बचा जा सकता है।

पेट में गैस बनने के कारण

पेट की गैस तब बनती है जब हमारे कोलोन (Cologne) में मौजूद बैक्टीरिया कार्बोहाइड्रट (Bacterial carbohydrate) में खमीर उत्पन्न कर देता है जिसे हमारी छोटी आंत पचा नहीं पाती है। इस परिस्थिति में हाई फाइबर युक्त भोजन (High fiber food) इस समस्या को और अधिक बढ़ा देते हैं। फाइबर आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है और यह पाचन तंत्र के अच्छे कार्य के लिए भी सहायक होता है और ब्लड शुगर (Blood sugar) एवं कोलेस्ट्रॉल  (Cholesterol) को भी नियंत्रित रखता है लेकिन इसके साथ ही फाइबर पेट में गैस भी बनाता है।

  • खाना खाने के बाद अधिक पानी पीना ।
  • फ्रिज से सीधे भोजन निकालकर खा लेना और अत्यधिक बर्फ वाले पानी का सेवन।
  • बासा खाना खाना या अधपका भोजन करना।
  • सही तरीके से भोजन को चबाकर न खाना।
  • अधिक एल्कोहल के सेवन से लीवर का खराब हो जाना।
  • अधिक मात्रा में चाय तथा कॉफी पीना, भोजन करने के बाद तुरंत सो जाना या देर रात से खाना खाना।
  • मोटापा और थॉयराइड की समस्या होना।

पेट में गैस बनने का दूसरा कारण ठीक से भोजन को चबाकर न खाना, अत्यधिक मसाले वाले भोजन करना, अधिक तनाव लेना और बाजार के पेय पदार्थों का सेवन करना है। इसके अलावा बैक्टीरियल इंफेक्शन, पाचन तंत्र का खराब होना, भोजन पचा न पाना और कब्ज की पुरानी बीमारी से भी पेट में गैस की समस्या होती है।

पेट में गैस बनने के लक्षण

जब पेट में गैस अधिक बनने लगती है तो सांसों से बदबू आती है, भूख बहुत कम लगती है, जीभ पर काई जैसी परत जम जाती है, पेट में सूजन हो जाती है और पेट में ऐंठन भी महसूस होती है।

पेट की गैस को दूर करने के आसान घरेलू उपाय

 पीली सरसों.

कई बीमारियों के घरेलु उपाय की सामग्री सामान्यतः हर घर में मौजूद होती है। पेट की गैस के इलाज में पीली सरसों बहुत फायदेमंद होती है। इसमें एसिटिक एसिड होता है जो पेट की एसिडिटी को कम करता है और गैस एवं इसके वजह से उत्पन्न दर्द को तुरंत दूर कर देता है। एक चम्मच पीसे हुए पीले सरसों पावडर को गर्म पानी से प्रतिदिन खाने से गैस की समस्या से 5 से 10 मिनट में ही निजात मिल जाती है।

एक गिलास गर्म जल में आधा चम्मच हींग मिलाकर पीने से पेट की गैस की समस्या दूर हो जाती है। हींग एंटी-फ्लैटुलेंट (Anti-flatulence) का कार्य करता है और पेट में गैस उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।

गर्म पानी से एक चम्मच अजवाइन प्रतिदिन खाने से गैस की समस्या नहीं होती है। अजवाइन में थिमोल (thymol) नामक यौगिक पाया जाता है जो गैस्ट्रिक जूस को स्रावित करता है और पेट की गैस को दूर करने में मदद करता है।

पेट की दीवारों से गैस्ट्रिक एसिड (Gastric acid) एवं पेप्सिन को अधिक स्रावित होने से रोकने में दालचीनी सहायक होती है। इसके सेवन से पेट की गैस से तुरंत आराम मिल जाता है। आधे चम्मच दालचीनी पावडर को एक कप गर्म दूध में मिलाएं और एक चम्मच शहद मिलाकर इसे पी लें। गैस की समस्या दूर हो जाएगी।

बेकिंग सोडा और नींबू

सोडियम बाइकार्बोनेट (Sodium bicarbonate) को ही बेकिंग सोडा कहते हैं और यह पेट की गैस को दूर करने में बहुत प्रभावी होता है। बेकिंग सोडा में नींबू मिलाकर पीने पर यह अत्यधिक तेजी से अपना असर दिखाता है। आधे कटे नींबू को एक गिलास गर्म जल में निचोड़ लीजिए और इसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पीने से पेट की गैस एवं दर्द से तुरंत निजात मिल जाता है।

एप्पल साइडर विनेगर (Apple cider vinegar)

शरीर के क्षार (alkaline) को कम करने में एप्पल साइडर विनेगर में मौजूद एंजाइम बहुत ही फायदेमंद होता है। यह अपच के इलाज में उपयोगी होता है और गैस दूर करने में मदद करता है। दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास गर्म जल में मिलाएं और इसे ठंडा करके दिन में दो बार इसका सेवन करें। पेट की गैस दूर हो जाएगा।

इसेंशियल ऑयल लार ग्रंथियों को उत्तेजित करने में मदद करता है जिससे भोजन पचने में मदद मिलती है और गैस की समस्या नहीं होती है। जीरे में इसेंशियल ऑयल मौजूद होता है जो गैस का एक घरेलू इलाज (gas ke gharelu ilaj) है। एक चम्मच जीरे को दो कप जल में उबालें और ठंडा होने पर इसे छानकर पीएं। गैस की परेशानी दूर हो जाएगी।

यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है और पेट की गैस दूर करने में बहुत उपयोगी होता है। एक चम्मच अदरक के पेस्ट को डेढ़ कप पानी में ऊबालकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर ठंडा करके पीएं। इसके अलावा अदरक, सौंफ और इलाइची को बराबर मात्रा में लेकर पानी में उबालें और छानकर पीने से पेट की गैस से छुटकारा मिल जाता है।

एक गिलास पानी में आधे चम्मच त्रिफला पावडर को 5 से 10 मिनट तक उबालें और फिर इसे ठंडा करके पीएं। इससे पेट की गैस की समस्या दूर हो जाती है। यह पेट की गैस के इलाज में बहुत असरदार होता है लेकिन इसका उपयोग करते समय त्रिफला (triphala) चूर्ण की थोड़ी ही मात्रा लें।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।

' src=

Written By Aishwarya pillai

More posts from: स्वास्थ्य a-z, जाने कितना खतरनाक है एसटीडी रोग और इसके लक्षण, लीवर सिरोसिस क्या है कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है ये बीमारी, क्या है थायराइड कैंसर के लक्षण - जाने इसके कारण और इससे बचने के उपाय, जाने क्या होते हैं मूत्र मार्ग में पथरी होने के संकेत, जाने एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी क्‍या है, भूलकर भी न करे इसके लक्षणों को नजरअंदाज, माइग्रेन के लक्षण - जाने इससे बचने के घरेलु उपचार.

  • Photogallery
  • एक्ट्रेस को हुई खतरनाक बीमारी
  • जब मोदी का आया दिल
  • बाल काले बनाने का तरीका
  • ये है पढ़ने का सही समय
  • 40 करोड़ लेने वाली हसीना
  • Best Home Remedies That May Help Relieve Stomach Gas Bloating Problems

Gas and bloating: पेट गैस से छुटकारा दिलाने में रामबाण से कम नहीं ये घरेलू उपाय, 5 मिनट में दे आराम

कई लोगों को पेट में गैस की समस्‍या अक्‍सर बनी रहती है। यदि आप इस परेशानी को दूर करने का तरीका खोज रहे हैं, तो हम आपको बताएंगे गैस और ब्‍लोटिंग से तुरंत राहत पाने का घरेलू तरीका।.

best home remedies that may help relieve stomach gas bloating problems

​छाछ का सेवन

​छाछ का सेवन

छाछ एक सात्विक भोजन की श्रेणी में गिना जाता है। इसके अंदर लैक्टिक एसिड पाया जाता है जो गैस्ट्रिक एसिडिटी से आपको राहत दिला सकती है। अगर अगली बार आपको गैस की समस्या महसूस हो तो आप तुरंत एक गिलास छाछ में थोड़ी काली मिर्च और धनिए का रस मिलाकर पी जाएं। इससे आपको जल्दी ही गैस से राहत मिल जाएगी।

माधुरी दीक्षित के पति डॉ. नेने ने शेयर किए Acidity और खट्टी डकार से बचने के टिप्स

​गैस बनने पर केले का सेवन करें

​गैस बनने पर केले का सेवन करें

केले का उपयोग सदियों से एसिडिटी या गैस से राहत पाने के लिए किया जा रहा है। आपको बता दें कि केले को अंदर प्राकृतिक एंटासिड होता है जो एसिड रिफ्लक्स को रोकने में आपकी सहायता कर सकता है। गैस से राहत पाने के लिए आप रोजाना एक केले का सेवन कर सकते हैं।

​सेब का सिरका

​सेब का सिरका

शरीर में बहुत बार एसिड रिफ्लक्स की वजह पेट में एसिड की कमी का ही परिणाम होता है। ऐसे में आप सेब के सिरके का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको केवल एक कप पानी में दो बड़े चम्मच अनफिल्टर्ड सेब के सिरके का उपयोग करना है। इसका दो बार सेवन करने से आपको पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत मिल जाएगी।

पेट की गैस का रामबाण उपाय हैं घर की ये 7 चीजें, दर्द हो जाएगा छूमंतर!

​खाने में करें लौंग का उपयोग

​खाने में करें लौंग का उपयोग

लौंग का सेवन हमारी सेहत पर तो सकारात्मक प्रभाव डालता ही है। साथ ही इसके अंदर कार्मिनेटिव प्रभाव होता है। दरअसल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में गैस के विकास को रोकने का काम करता है। अगर आप राजमा, या काले चने बनाए तो इसे बनाते समय लौंग का उपयोग जरूर करें।

भुने हुए जीरे को पानी में डालकर पी जाएं

भुने हुए जीरे को पानी में डालकर पी जाएं

जीरा एक बेहतरीन एसिड न्यूट्रलाइजर के रूप में जाना जाता है। यह ना केवल पाचन संबंधित दिक्कतों को दूर करता है बल्कि यह पेट दर्द से भी राहत दिलाता है। भोजन के बाद भुने हुए जीरे को थोड़ा सा क्रश करें और इसे एक गिलास पानी में डालकर पी लें। या फिर गरम पानी में एक चम्मच जीरा डालकर पीएं।

​दालचीनी की चाय से दूर करें पेट गैस

​दालचीनी की चाय से दूर करें पेट गैस

दालचीनी एक ऐसा मसाला है जो स्वाद के साथ - साथ शरीर के विभिन्न अंगों के लिए फायदेमंद है। आपको बता दें कि यह एक आम मसाला है जो प्राकृतिक एंटासिड के रूप में कार्य करता है और पाचन को बेहतर कर पेट को शांत रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में इंफेक्शन को ठीक कर सकता है। इसके लिए आप रोजाना चाय का सेवन करें।

पेट में बनती है खूब Acidity और गैस, तो हल्‍दी-अजवाइन का यह नुस्‍खा 2 मिनट में दिलाएगा राह

​गरम पानी के साथ करें तुलसी के पत्तों का सेवन

​गरम पानी के साथ करें तुलसी के पत्तों का सेवन

तुलसी के पत्तों के अंदर कार्मिनेटिव गुण होते हैं जो आपको एसिडिटी से तुरंत राहत दिला सकते हैं। इसके लिए आपको केवल तुलसी के तीन से चार पत्ते लेने हैं और इन्हें खा लेना है। इसके अलावा आप चाहें तो गरम पानी में डालकर भी इनका सेवन कर सकते हैं।

रेकमेंडेड खबरें

एक ही तो दिल है कितनी बार जीतोगी नैंसी...UP की इस लड़की ने कान्स में फिर दिखा दिया हुनर

  • माँ के नुस्खे

यहां 15 उपाय हैं, जो आपको गैस और पेट फूलने की समस्या से तुरंत राहत दिला सकते हैं

पेट में गैस (Stomach Gas) बनने की शिकायत एक आम समस्या है। इस समस्या की जटिलता तब समझ आती है, जब हम खुद इस समस्या से जूझ रहे होते हैं। जिस किसी को यह समस्या होती है उसका पेट (Stomach) या आंत (Intestine) बार-बार अनचाहे गैस के बनने से फूलने (Flatulence) लगती है। अगर आपको भी बार-बार और लगातार इस तरह की समस्या होती है, तो आपको इसके कारणों (Causes of gas-acidity) पर गौर करना चाहिए। साथ ही यहां हैं इससे बचाव के उपाय (how to avoid stomach Gas)।

आज के समय में लोगों की बिगड़ती दिनचर्या, कंटामिनेटेड व अनहेल्दी फुड और सुस्त लाइफस्टाइल पेट में बार-बार गैस बनने की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आइए इसके कारणों और निजात पाने के घरेलू उपायों (home remedies for stomach gas) के बारे में जान लेते हैं।

पहले जानिए क्या हैं गैस बनने के लक्षण

गैस बनने से कई बार पेट में दर्द (Stomach Pain) होने लगता है। इन सब के आलावा और भी ढेर सारे लक्षण हैं जो एसिडिटी (Stomach Acidity) जैसे अन्य कारणों से हो सकते हैं –

  • सिर में दर्द (Headache)
  • सुबह में जब मलत्यागने (defecation) की तीव्र इच्छा होती है। पर पेट पूरी तरह साफ नहीं हो पाता।
  • पेट फूलने (Flatulence) जैसा अनुभव होता है।
  • ऐंठन (Stomach Cramps) के साथ पेट में हल्का-हल्का दर्द होता है।
  • कभी-कभी उल्टी और पेट में कुछ चुभने जैसा दर्द होना।
  • पूरे दिन शरीर में सुस्ती महसूस होना।

क्या हो सकते हैं इसके कारण

पाचनतंत्र (Digestive System) में गड़बड़ी के कारण पेट में गैस (Stomach Gas) बनने की शिकायत होती है। अपनी क्षमता से ज्यादा भोजन करना पेट में बैक्टीरिया (Bacteria) की संख्या बढ़ जाना ठीक ढंग से चबाकर भोजन न करने से दूध का सेवन करने से भी कुछ लोगों के पेट में गैस बनने लगती है स्ट्रेस ( Stress) या चिंता (Worry) लंबे समय तक भूखे पेट रहने से जहरीला पदार्थ खा लेने से कुछ दवाएं भी गैस के लिए जिम्मेदार होती हैं ज्यादा तली-भुनी चीजें खाने से अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज व योग को न अपनाने से।

इस बारे में क्या कहता है आयुर्वेद

आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार, पेट की सभी समस्याएं शरीर के त्रिदोष के कारण होती हैं। ऐसे में इस समस्या को रोकने या इससे निजात पाने के लिए त्रिदोष- वात, पित्त, कफ दोष को शांत करने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद कहता है कि पेट की समस्या का समाधान तभी संभव है, जब इन त्रिदोषों को शांत किया जाए। वात, पित्त, कफ इन तीनों को कंट्रोल कर पेट में गैस बनने की शिकायत को दूर किया जा सकता है।

यहां है गैस की समस्या से छुटकारा पाने के 15 घरेलू उपाय

पेट में गैस बनने की शिकायत बार-बार हो रही है, तो इसे रोकने के लिए उचित भोज्य पदार्थ और लाइफस्टाइल में बदलाव करने से काफी हद तक राहत मिल सकती है। पेट में गैस बनने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह जरुरी बदलाव करने से आराम मिल सकता है।

जिन भोज्य पदार्थो को लेने के बाद हमारे शरीर में गैस की शिकायत बढ़ने की आशंका हो उससे परहेज करना चाहिए।

शुगर फ्री मिठाई (Sugar Free Sweets) और सॉरबिटोल (Sorbitol) युक्त दवाओं से दूरी बनाए रखें। चाय और शराब के ज्यादा सेवन से बचें। खाने में ज्यादा तली-भूनी चीजें न लें। भोजन लेने के समय में लापरवाही न करें और भोजन करते समय खूब चबाकर खाएं। अजवाइन (Carom Seed) में थोड़ी नमक मिलाकर गर्म पानी के साथ लें। हरड़(Harad) के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स करके लें। अजवाइन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीसकर एक बार में 2-6 ग्राम लें और तुरंत पानी भी पिएं। अदरक का छोटा-छोटा टुकड़ा बनाकर नमक के साथ सेवन करें। काली मिर्च, इलाइची और अदरक तीनों को पानी के साथ लें। अदरक को नीबू के साथ लें। रोज सुबह खाली पेट नीबू की मीठी शिकंजी का दो माह तक लगातार सेवन करें। एलोवेरा या एलोवेरा का जूस भी गैस से छुटकारा दिला सकता है। सुबह शाम लौंग का सेवन करने से भी गैस से छुटकारा मिलता है। नारियल पानी और सेब का सिरका भी आपको पाचन संबंधी समस्याओं से छुटाकारा दिला सकते हैं।

इन उपायों को अपनाने के बावजूद भी पेट में बार-बार गैस बनने की शिकायत हो, तो डाक्टर से सलाह लेना जरूरी हैं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

यह भी पढ़ें- इन 5 कारणों से आपको नवरात्रि उपवास में जरूर करना चाहिए देसी घी का सेवन

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ... और पढ़ें

यह भी पढ़ें

स्किन का बेस्ट फ्रेंड है आलू , गर्मियों में टैनिंग हटानी है तो जानिए इसके इस्तेमाल का तरीका, बढ़ती गर्मी में हीट स्ट्रोक से बचने के लिए इन टिप्स की लें मदद, शरीर रहेगा हाइड्रेटिड और एक्टिव, navel oiling : नाभि में नारियल तेल लगाना इन 5 कारणों से है आपके लिए फायदेमंद, एक्सपर्ट भी करती हैं सिफारिश, वुडन कॉम्ब से लेकर फुट स्क्रबर तक, यहां हैं दादी-नानी के समय के 5 ब्यूटी उत्पाद.

Healthunbox

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव – Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) एक वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी (parasites) के कारण होने वाला एक रोग है, जो दस्त, उल्टी, बुखार और आंतों के अस्तर की सूजन का कारण बनता है। इसे आंत्रशोथ या जठरांत्र शोध के रूप में भी जाना जाता है। पेट में इन्फेक्शन एक आम समस्या है, जो बच्चों और वयस्कों को सर्वाधिक प्रभावित करती है। जठरांत्र शोध (Gastroenteritis) वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इस संक्रमण से बचने के लिए उचित घरेलू उपाय को अपनाना आवश्यक होता है। चूँकि पेट में इन्फेक्शन की गंभीर स्थिति गुर्दे की विफलता, आंत्र पथ में रक्तस्राव, एनीमिया (anemia) तथा मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकती है। पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में घरेलू उपचार और चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है।

आज के इस लेख में आप जानेगें कि पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) क्या है, इसके लक्षण, कारण और इलाज क्या है तथा बचाव और घरेलू उपचार के बारे में।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) क्या है – What is Stomach Infection in Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट का संक्रमण एक बहुत ही सामान्य स्थिति है, जो दस्त और उल्टी का कारण बनती है। पेट में इन्फेक्शन को गैस्ट्रोएन्टराइटिस, आंत्रशोथ या जठरांत्र शोथ आदि नामों से जाना जाता है। आमतौर पर पेट के बैक्टीरिया या वायरस, पेट में इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। लेकिन परजीवी (Parasites) भी आंत्रशोथ का कारण बन सकता है, जिसमें जियार्डिया (giardia) और क्रिप्टोस्पोरिडियम (cryptosporidium) नामक परजीवी प्रमुख हैं। यह संक्रमण सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चे विशेष रूप से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। पेट में इन्फेक्शन के अधिकतर मामले बच्चों में रोटावायरस (rotavirus) नामक वायरस के कारण उत्पन्न होते हैं, जबकि वयस्कों में पेट में इन्फेक्शन के अधिकतर मामले आमतौर पर नोरोवायरस (norovirus) या बैक्टीरियल फूड पॉइजनिंग के कारण उत्पन्न होते हैं।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ एक संक्रमित बीमारी है, क्योंकि यह अन्य व्यक्तियों में बहुत आसानी से फैल सकता है। आंत्रशोथ (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) अधिक गंभीर हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर ही दूर हो जाता है। अर्थात ज्यादातर लोग बिना इलाज के ही ठीक हो जाते हैं। पेट में इन्फेक्शन (Gastroenteritis) के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है, हालांकि घरेलू उपचार पेट में इन्फेक्शन से सम्बंधित लक्षणों में सुधार ला सकते हैं।

(और पढ़ें – पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) के लक्षण, कारण, उपचार, घरेलू इलाज और बचाव )

पेट में इन्फेक्शन के प्रकार – Types of Gastroenteritis in Hindi

पेट में इन्फेक्शन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं, (1.) बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस या फूड पॉइजनिंग और (2.) वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस या स्टमक फ्लू।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस – Bacterial Gastroenteritis ( food poisoning ) in Hindi

पेट में इन्फेक्शन तब होता है जब बैक्टीरिया (bacteria) आंत में संक्रमण का कारण बनता है, इस स्थिति को बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार के पेट के इन्फेक्शन के परिणामस्वरूप पेट और आंतों में सूजन आ जाती है, इसके अतिरिक्त उल्टी, पेट में ऐंठन और दस्त जैसे लक्षण प्रगट हो सकते हैं। बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस बहुत सामान्य है। इस संक्रमण को “फूड पॉइजनिंग” (food poisoning) के नाम से भी जाना जाता है।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस खराब स्वच्छता, जानवरों के साथ घनिष्ठ संपर्क या बैक्टीरिया के कारण दूषित भोजन या पानी का सेवन आदि कारणों के परिणामस्वरूप उत्पन्न हो सकता है।

वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस – Viral gastroenteritis (stomach flu) in Hindi

जब कोई वायरस (viruses), पेट में इन्फेक्शन संक्रमण का कारण बनता है, तो उसे वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के नाम से जाना जाता है। यह एक अत्यधिक संक्रामक पेट और आंतों का संक्रमण है, जिसे आमतौर पर स्टमक फ्लू (Stomach flu) के रूप में भी जाना जाता है। वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस या स्टमक फ्लू (Stomach flu) के सामान्य लक्षणों में पानी के समान दस्त, पेट में ऐंठन और उल्टी आदि शामिल हैं।

स्टमक फ्लू विभिन्न प्रकार के वायरस के कारण उत्पन्न होता है, जिनमें रोटावायरस (rotavirus) और नोरोवायरस (norovirus) प्रमुख हैं। प्रत्येक गैस्ट्रोएन्टराइटिस वायरस एक विशेष मौसम में सबसे अधिक सक्रिय होता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या दूषित भोजन तथा पानी का सेवन करने के बाद एक स्वास्थ्य व्यक्ति वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस को प्राप्त कर सकता है। व्यक्ति अक्सर वायरस के संपर्क में आने के लगभग 12-48 घंटे बाद लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, तथा यह लक्षण अक्सर 3 से 7 दिनों तक रहते हैं। फूड पॉइजनिंग (food poisoning) की अपेक्षा स्टमक फ्लू के लक्षण अधिक समय तक बने रहते हैं।

(और पढ़े –  क्रोहन (क्रोन) रोग क्या है, कारण, लक्षण, जांच, उपचार, रोकथाम और आहार… )

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण – Stomach infection ( gastroenteritis ) symptoms in Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट के संक्रमण (gastroenteritis) से सम्बंधित लक्षण आमतौर पर व्यक्ति के संक्रमित होने के एक दिन बाद प्रगट हो सकते हैं। यह लक्षण आमतौर पर एक सप्ताह या इससे कम समय तक चल सकते हैं, लेकिन कभी-कभी यह लक्षण बहुत लंबे समय बने रह सकते हैं।

आंत्रशोथ (gastroenteritis) के लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • पेट में दर्द महसूस होना
  • उल्टी की समस्या उत्पन्न होना
  • अपने आपको बीमार महसूस करना
  • सिरदर्द होना
  • हल्का बुखार
  • भूख में कमी आना
  • पेट में खराबी तथा पेट में ऐंठन महसूस होना
  • मांसपेशियों में दर्द महसूस होना
  • ठंड लगना, इत्यादि।

आंत्रशोथ की स्थिति में उत्पन्न होने वाली सबसे आम समस्या निर्जलीकरण है। पेट के संक्रमण (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) की स्थिति में निर्जलीकरण की समस्या तब उत्पन्न होती है जब उल्टी और दस्त के चलते, पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन न किया जाए। निर्जलीकरण की समस्या शिशुओं, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को सबसे अधिक परेशान करती है।

पेट के इन्फेक्शन का कारण – Gastroenteritis causes in Hindi

पेट के संक्रमण (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) के प्रकार के आधार पर इसके कारण भी भिन्न हो सकते हैं, जो की निम्न हैं:

वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण – Stomach flu (Viral gastroenteritis) causes in Hindi

स्टमक फ्लू (Stomach flu) कई अलग-अलग वायरस के कारण होता है। यह बीमारी आमतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या दूषित भोजन या पानी का सेवन करने के बाद होती है। अनेक वायरस, आंत्रशोथ (Gastroenteritis) का कारण बन सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नोरोवायरस (Noroviruses)
  • रोटावायरस (Rotavirus), इत्यादि।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण – Causes of bacterial gastroenteritis in Hindi

अनेक प्रकार के बैक्टीरिया, पेट के संक्रमण (आंत्रशोथ) का कारण बन सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • पोर्क (pork) में पाया जाने वाला यर्सिनिया (yersinia) बैक्टीरिया
  • डेयरी उत्पादों, मांस और अंडे में पाया जाने वाला स्टेफिलोकोकस (staphylococcus) और साल्मोनेला (salmonella) बैक्टीरिया
  • पानी (स्विमिंग पूल) में पाया जाने वाला शिगेला (shigella) बैक्टीरिया
  • कैम्पिलोबैक्टर (campylobacter) बैक्टीरिया
  • ई कोलाई (coli) बैक्टीरिया, इत्यादि।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस मुख्य रूप से व्यक्तियों द्वारा दूषित भोजन के सेवन के परिणामस्वरूप होता है। बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से प्रेषित किया (फैलाया) जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति से बैक्टीरिया भोजन, वस्तुओं का साझा करने या छूने से फैलता है, तथा आँखों , मुंह या शरीर के अन्य खुले भागों को स्पर्श करने के दौरान शरीर में प्रवेश कर सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) के जोखिम कारक – Gastroenteritis risk factor in Hindi

पेट में इन्फेक्शन सभी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। जिन लोगों को पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) होने की अधिक संभावना हो सकती है, उनमें शामिल हैं:

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति जैसी- छोटे बच्चे, वृद्ध व्यक्तियों।
  • स्कूल के बच्चे या छात्रावास के निवासी।
  • एचआईवी/एड्स , कीमोथेरेपी या किसी अन्य चिकित्सकीय स्थितियों से सम्बंधित व्यक्ति।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की जटिलताएं – C omplications of gastroenteritis in Hindi

पेट में इन्फेक्शन बहुत कम स्थितियों में जटिलताओं का कारण बनता है। पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की मुख्य जटिलता निर्जलीकरण है, जो शरीर में आवश्यक लवण और खनिजों की गंभीर रूप से कमी का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त निम्न जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है, जैसे:

  • खूनी दस्त (bloody diarrhoea)
  • मांसपेशियों में दर्द
  • आंत्र आंदोलनों को नियंत्रित करने में असमर्थता
  • गुर्दे की विफलता
  • आंत्र पथ में रक्तस्राव
  • एनीमिया (anemia)
  • उपचार न किये जाने पर गंभीर संक्रमण की स्थिति मस्तिष्क क्षति और मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए – when to see a doctor for gastroenteritis in Hindi

यदि पेट में इन्फेक्शन (gastroenteritis) के लक्षणों में पांच दिन (बच्चों के लिए दो दिन) के बाद भी सुधार नहीं आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए:

  • छोटे बच्चे को दस्त या उल्टी होने पर
  • 4°F से अधिक बुखार होने पर
  • पेट में इन्फेक्शन से सम्बंधित लक्षणों में कुछ दिनों के बाद सुधार नहीं होने पर
  • गंभीर निर्जलीकरण के लक्षण प्रगट होने पर, जैसे लगातार चक्कर आना , मूत्र त्याग करने में कठिनाई, इत्यादि ।

पेट के इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की जांच – Diagnosis of gastroenteritis in Hindi

पेट के इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की जांच - Diagnosis of gastroenteritis in Hindi

डॉक्टर पेट के संक्रमण (gastroenteritis) की समस्या का निदान करने के लिएरोगी से बीमारी के लक्षणों से सम्बंधित कुछ सवाल पूंछ सकता है तथा निर्जलीकरण और पेट दर्द के संकेतों की जांच कर सकता है। इसके अतिरिक्त बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण की जाँच करने के लिए निम्न परीक्षणों की सिफारिश कर सकता है, जैसे:

  • मल परीक्षण (स्टूल टेस्ट)
  • रक्त परीक्षण
  • यूरिन टेस्ट , इत्यादि।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) का इलाज – G astroenteritis treatment in Hindi

उपचार प्रक्रिया के दौरान हाइड्रेटेड रखने और जटिलताओं से बचने पर जोर दिया जाता है। जिससे सोडियम और पोटेशियम की हानि को कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की गंभीर स्थिति में डॉक्टर द्वारा मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की सिफारिश की जा सकती है और तरल पदार्थ और लवण द्वारा उपचार किया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स द्वारा उपचार आमतौर पर सबसे गंभीर मामलों में किया जा सकता हैं। जो दवाएं दस्त, मतली और पेट दर्द जैसे लक्षणों का इलाज करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी जाती हैं, वह संक्रमण की स्थिति में सुधार लाने में मदद कर सकती हैं।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की दवाएं – Stomach infection medicine in Hindi

पेट के इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की स्थिति में ऐसी कोई निश्चित दवा नहीं हैं, जो उपचार के लिए उपयोग में लाई जा सके। डॉक्टर द्वारा पेट में इन्फेक्शन से सम्बंधित लक्षणों को कम करने के लिए निम्न दवाओं की सिफारिश की जा सकती है, जो स्टमक फ्लू और फूड पॉइजनिंग” (food poisoning) से राहत प्रदान कर सकती हैं। पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की उपचार प्रक्रिया में निम्न दवाओं की सिफारिश की जा सकती है, जैसे:

  • इबुप्रोफेन (Ibuprofen) – बुखार और दर्द से राहत प्रदान करने के लिए।
  • एसिटामिनोफेन (Acetaminophen)
  • एंटीमेटिक्स (Antiemetics) – मतली की भावनाओं को राहत देने के लिए।
  • एंटी-वोमिटिंग (anti-vomiting) दवा जैसे- मेटोक्लोप्रामाइड (metoclopramide) या एंटी-डायरियल (antidiarrhoeal), इत्यादि।

पेट के संक्रमण से बचाव – S tomach infection Preventi on in Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट में इन्फेक्शन की स्थिति से बचना बहुत ही कठिन है, लेकिन कुछ उपाय इस संक्रमण की रोकथाम में मदद कर सकते हैं, जो कि निम्न हैं:

  • वायरल या बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेराइटिस की रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय बार-बार हाथ धोना है।
  • सभी फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  • समुद्री भोजन को अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए।
  • संक्रमित होने की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को परिवार के सदस्यों से अलग रहना चाहिए तथा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं का साझा नहीं करना चाहिए।
  • बीमारी की स्थिति में पर्याप्त आराम करना चाहिए।
  • डॉक्टर की सिफारिश के बिना कोई भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • कपड़े, बिस्तर या अन्य दूषित वस्तुओं को गर्म पानी से धोना चाहिए।
  • छोटे बच्चों को संक्रमण से सम्बंधित टीका लगवाना चाहिए।
  • अच्छी स्वच्छता को अपनाना और उचित भोजन का सेवन करना चाहिए।

(और पढ़े –  पेट के कीड़े मारने के घरेलू उपाय और नुस्खे… )

पेट में इन्फेक्शन के घरेलू उपाय – G astroenteritis Home remedies in Hindi

पेट में इन्फेक्शन (आंत्रशोथ) की स्थिति में घर पर उपस्थित कुछ सामग्री, शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखने और दस्त का इलाज करने में मदद कर सकती हैं। पेट के इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति कुछ घरेलू उपचार अपनाकर इस बीमारी का इलाज करने में मदद प्राप्त कर सकता है। घरेलू उपचार के तहत निम्न प्रयास किये जा सकते हैं:

  • हाइड्रेटेड (hydrated) रहने के लिए अधिक से अधिक तथा नियमित रूप से तरल पदार्थों का सेवन करें
  • थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाना खाने का प्रयास करना चाहिए तथा आहार में कुछ नमकीन खाद्य पदार्थ को शामिल करना चाहिए
  • पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए, जैसे फलों का रस और केले
  • अदरक संक्रमण से निपटने और पेट के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, अतः पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में अदरक को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
  • एप्पल साइडर विनेगर (Apple cider vinegar) और तुलसी का सेवन संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है
  • पुदीना तथा नींबू शरबत
  • कम मात्रा में सादे खाद्य पदार्थ जैसे सूप , चावल , पास्ता और ब्रेड का सेवन करना चाहिए।

(और पढ़ें – आंतों की कमजोरी का घरेलू इलाज )

पेट के संक्रमण में परहेज – gastroenteritis avoid in Hindi

पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन दस्त को बदतर बना सकता है तथा जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करने की सिफारिश दी जाती है, जो कि निम्न हैं:

  • डेयरी उत्पाद
  • उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ
  • मसालेदार व्यंजन
  • कैफीन युक्त पदार्थ जैसे- कॉफी , काली चाय और चॉकलेट
  • वसायुक्त खाद्य पदार्थ , इत्यादि।

इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।

You may also like

पैर में ऐंठन होने के कारण और घरेलू इलाज - Leg Cramps Causes and Home Treatment in Hindi

पैर में ऐंठन होने के कारण और घरेलू इलाज...

स्लीप पैरालिसिस (नींद पक्षाघात) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव - Sleep Paralysis Causes, Treatment in Hindi

स्लीप पैरालिसिस (नींद पक्षाघात) के...

हार्टबर्न (सीने में जलन) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव - Heartburn Causes, Treatment, Prevention in Hindi

हार्टबर्न (सीने में जलन) के कारण...

टिटनेस (लॉकजॉ) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव – Tetanus (lockjaw) Causes, Symptoms, Treatments in Hindi

टिटनेस (लॉकजॉ) के कारण, लक्षण, इलाज और...

आंखों में जलन का कारण और इलाज - Eye irritation causes, treatment in Hindi

आंखों में जलन का कारण और इलाज –...

हार्ट फेलियर के लक्षण, कारण, प्रकार, इलाज और बचाव - Heart Failure symptoms, causes, treatment in Hindi

हार्ट फेलियर के लक्षण, कारण, प्रकार...

Leave a comment x.

Subscribe for daily wellness inspiration

  • Lunch Recipe
  • National Brother's Day 2024
  • Summer Drink
  • सेहत की बात
  • Budget Tour Plan

एसिडिटी, गैस और बदहजमी की समस्या से तुरंत आराम दिलाएंगे ये घरेलू नुस्खे

Quick relief home remedies for acidity and stomach gas in hindi pet ki samasya ke upay

Link Copied

Quick relief home remedies for acidity and stomach gas in hindi pet ki samasya ke upay

  • अगर आप गैस की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको रोजाना खाली पेट एक चम्मच बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। इसे पीते ही आपको गैस की समस्या से तुरंत छुटकारा मिल जाएगा।
  • भुनी हुई हींग व काला नमक मिलाकर गर्म पानी के साथ खाने से एसिडिटी में राहत मिलती है।

Quick relief home remedies for acidity and stomach gas in hindi pet ki samasya ke upay

सबसे विश्वसनीय   हिंदी न्यूज़   वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें    लाइफ़ स्टाइल  से संबंधित समाचार ( Lifestyle News in Hindi),  लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle  section)  की अन्य खबरें जैसे   हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़  (Health  and fitness news),  लाइव   फैशन न्यूज़ , (live fashion news)  लेटेस्ट   फूड न्यूज़   इन हिंदी , (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़  (relationship news in Hindi)  और   यात्रा  (travel news in Hindi)   आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ ( Hindi News )।   

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android  Hindi News App , iOS  Hindi News App  और  Amarujala Hindi News APP  अपने मोबाइल पे|

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Please wait...

अपना शहर चुनें

user image

Today's e-Paper

News from indian states.

  • Uttar Pradesh News
  • Himachal Pradesh News
  • Uttarakhand News
  • Haryana News
  • Jammu And Kashmir News
  • Rajasthan News
  • Jharkhand News
  • Chhattisgarh News
  • Gujarat News
  • Health News
  • Fitness News
  • Fashion News
  • Spirituality
  • Daily Horoscope
  • Astrology Predictions
  • Astrologers
  • Astrology Services
  • Age Calculator
  • BMI Calculator
  • Income Tax Calculator
  • Personal Loan EMI Calculator
  • Car Loan EMI Calculator
  • Home Loan EMI Calculator

Entertainment News

  • Bollywood News
  • Hollywood News
  • Movie Reviews
  • Photo Gallery
  • Hindi Jokes

Sports News

  • Cricket News
  • Live Cricket Score

Latest News

  • Technology News
  • Car Reviews
  • Mobile Apps
  • Sarkari Naukri
  • Sarkari Result
  • Career Plus
  • Business News
  • Europe News

Trending News

  • UP Board Result
  • HP Board Result
  • UK Board Result
  • Utility News
  • Bizarre News
  • Special Stories

epaper_image

Other Properties:

  • My Result Plus
  • SSC Coaching
  • Gaon Junction
  • Advertise with us
  • Cookies Policy
  • Terms and Conditions
  • Products and Services
  • Code of Ethics

Delete All Cookies

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल एप पर उपलब्ध है

अमर उजाला एप इंस्टॉल कर रजिस्टर करें और 100 कॉइन्स पाएं, केवल नए रजिस्ट्रेशन पर, अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज आपके व्हाट्सएप पर.

Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

pet problem solution in hindi

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

  • En - English
  • తె - తెలుగు
  • यौन स्वास्थ्य
  • स्व-मूल्यांकन
  • कामेच्छा की कमी
  • महिला स्वास्थ्य
  • अनियमित पीरियड्स
  • पीसीओएस और पीसीओडी
  • बेहतर प्रजनन क्षमता
  • पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग
  • त्वचा की समस्या
  • मुंहासों का इलाज
  • फंगल इंफेक्शन
  • बालों की समस्या
  • बालों का विकास
  • बालों में रूसी
  • पुरानी बीमारी
  • शुगर (डायबिटीज)
  • अनिद्रा की समस्या
  • तनाव और चिंता

pet problem solution in hindi

  • डॉक्टर से सलाह लें
  • दवाइयाँ A-Z
  • अस्पताल खोजें
  • डॉक्टर खोजें
  • हेल्थ टी.वी.
  • वेब स्टोरीज
  • घरेलू नुस्खे
  • योग और फिटनेस
  • बच्चों की सेहत
  • बच्चों के नाम
  • स्वस्थ भोजन
  • स्वास्थ्य समाचार
  • पशु स्वास्थ्य
  • पुरुष स्वास्थ्य
  • मेडिकल कैनबिस
  • लॉग इन / साइन अप करें
  • यौन समस्याएं
  • बालों का विश्लेषण करें
  • तनाव से राहत

99% बचत - मात्र 1 रु में खरीदें X

pet problem solution in hindi

पेट दर्द हेल्थ सेंटर

pet problem solution in hindi

पेट दर्द - Stomachache in Hindi

Dr. rajalakshmi vk (aiims) mbbs august 26, 2017, february 01, 2024.

पेट दर्द

पेट में दर्द एक व्यक्ति के पेट के ऊपरी या निचले हिस्से में दर्द की भावना होती है जिसकी तीव्रता हल्के दर्द से लेकर अचानक तेज़ दर्द तक हो सकती है।

पेट में दर्द कुछ समय या लम्बे समय तक हो सकता है और तेज़ या कम भी हो सकता है। पेट में दर्द का स्थान ऊपरी हिस्से में दाएं या बाएं किनारे, निचले हिस्से में दाएं या बायां किनारे, ऊपरी, मध्य और निचले हिस्से में हो सकते हैं।

पेट में दर्द कई अलग-अलग कारकों के कारण हो सकता है जो आम से लेकर गंभीर हो सकते हैं जैसे अत्यधिक गैस से लेकर अन्य गंभीर स्थितियां जैसे अपेंडिसाइटिस । कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी पेट में दर्द का अनुभव होता है।

पेट के दर्द के कारण का निदान डॉक्टर आपके दर्द के इतिहास, शारीरिक परीक्षा और परीक्षण के आधार पर करते हैं।

पेट दर्द के प्रकार - Types of Stomach Pain in Hindi

पेट दर्द के लक्षण - stomach pain symptoms in hindi, पेट दर्द के कारण - stomach pain causes in hindi, पेट दर्द से बचाव - prevention of stomach pain in hindi, पेट दर्द का इलाज - stomach pain treatment in hindi, पेट दर्द कितने समय तक रहना चाहिए - how long should stomach pain last in hindi, पेट में हल्का हल्का दर्द क्यों होता है - why is there a slight pain in the stomach in hindi, बाएं तरफ पेट में दर्द क्यों होता है - why does the stomach hurt on the left side in hindi, पेट के निचले हिस्से में दर्द होने का क्या कारण है - what causes pain in the lower abdomen in hindi, पेट दर्द के लिए एंटीबायोटिक टेबलेट - antibiotic tablet for stomach pain in hindi, कैसे पता चलेगा कि पेट दर्द गंभीर है - how do i know if my stomach pain is serious.

pet problem solution in hindi

पेट दर्द के निम्नलिखित प्रकार होते हैं -

  • सामान्य दर्द सामान्य दर्द पेट के आधे या उससे अधिक हिस्से में होता है। यह दर्द कई अलग-अलग बीमारियों के साथ हो सकता है और आमतौर पर उपचार के बिना ठीक हो जाता है। अपच और पेट की समस्याएं सामान्य पेट दर्द का कारण होती हैं। घरेलु उपचार कुछ परेशानी को राहत देने में मदद कर सकता है। हल्का दर्द या कठोर दर्द जो समय के साथ ज़्यादा गंभीर हो जाता है, आंतों की रुकावट का लक्षण हो सकता है।  
  • स्थानीय दर्द स्थानीय दर्द पेट के एक हिस्से में होता है। अचानक और बदतर होने वाला स्थानीय दर्द एक गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है। अपेंडिसाइटिस का दर्द सामान्य दर्द के रूप में शुरू होता है लेकिन यह अक्सर पेट के एक हिस्से में होने लगता है। पित्ताशय की बीमारी या पेप्टिक अल्सर रोग का दर्द अक्सर पेट के एक हिस्से में शुरू होता है और उसी स्थान पर रहता है। स्थानीय दर्द जो धीरे-धीरे अधिक गंभीर हो जाता है वह पेट के किसी अंग की सूजन का लक्षण हो सकता है।  
  • ऐंठन (क्रैम्पिंग) क्रैम्पिंग एक प्रकार का दर्द है जो आता-जाता रहता है या होने की स्थिति या गंभीरता में बदलता रहता है। ऐंठन ज़्यादातर सामान्य ही होती है जब तक उसे गैस या मल पारित करने से राहत नहीं मिलती। कई महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान ऐंठन होती है। सामान्य ऐंठन आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होती जब तक वह बदतर न हो, 24 घंटों से अधिक समय तक रहे या एक ही जगह पर हो। दस्त या अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ शुरू होने वाली ऐंठन काफी दर्दनाक हो सकती है लेकिन यह आमतौर पर गंभीर नहीं होती।

पेट दर्द अपने आप में एक लक्षण है जिसका मतलब यह हो सकता है कि व्यक्ति को कोई समस्या है जिसे इलाज की आवश्यकता है। अपने लक्षणों का ध्यान रखें क्योंकि इससे डॉक्टर को आपके दर्द का कारण जानने में मदद मिलेगी। विशेष ध्यान दें अगर पेट में दर्द अचानक हो, खाने के बाद हो या दस्त के साथ हो।

यदि आपके पेट में बहुत तेज़ दर्द है या यदि यह निम्न लक्षणों में से किसी के साथ होता है, तो जल्द से जल्द चिकित्सक की सलाह लें -

  • बुखार  (और पढ़ें –  बुखार के घरेलू उपचार )
  • कई दिनों तक खाना खाने में असमर्थता
  • मल को पारित करने में असमर्थता, खासकर यदि आपको उल्टी भी हो रही है
  • उल्टी में रक्त आना
  • मल में खून आना
  • सांस लेने में तकलीफ
  • दर्दनाक या असामान्य रूप से लगातार पेशाब आना
  • गर्भावस्था के दौरान दर्द होना
  • पेट स्पर्श करने में मुलायम महसूस होना
  • पेट में चोट लगने के कारण दर्द होना
  • दर्द कई दिनों तक रहना

ये लक्षण एक आंतरिक समस्या का संकेत हो सकते हैं जिसे जल्द से जल्द उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

पेट का दर्द कई कारणों की वजह से हो सकता है, इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं -

  • अपच  (और पढ़ें -  अपच का घरेलू इलाज )
  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (एक विकार जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है)
  • अपेंडिसाइटिस
  • पेट का फ्लू (वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस)
  • मासिक धर्म में ऐंठन
  • फूड पॉइजनिंग
  • फूड अलेर्जी
  • लैक्टोज असहिष्णुता (दूध और डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाली प्राकृतिक चीनी शरीर द्वारा न पचा पाना)
  • अल्सर या फोड़ा
  • पेल्विक क्षेत्र की सूजन की बीमारी
  • पित्ताशय की पथरी
  • एंडोमेट्रिओसिस (और पढ़ें –  एंडोमेट्रिओसिस ट्रीटमेंट )
  • क्रोहन रोग (पाचन तंत्र की सूजन)
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस
  • मूत्र-पथ के संक्रमण

पेट के दर्द के कुछ अन्य कारण -

  • कुछ दिल के दौरों और निमोनिया में भी पेट दर्द हो सकता है। (और पढ़ें –  निमोनिया का घरेलू इलाज )
  • पेल्विस या पेट और जांध के बीच के भाग की बीमारियों में पेट दर्द हो सकता है।
  • कुछ त्वचा के चकत्ते और दाद भी पेट में दर्द कर सकते हैं।
  • कुछ ज़हरीले कीड़ों के काटने के कारण भी पेट दर्द हो सकता है।

पेट दर्द के कई कारण होते हैं जिनमें से कुछ को रोकना आपके वश में होता लेकिन जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से आप खुद को किसी और वजह से पेट दर्द होने से रोक सकते हैं। निम्नलिखित आदतें आपकी मदद कर सकती हैं -

(और पढ़ें - पेट की गैस का घरेलू उपचार )

  • भोजन के बीच के अंतराल को कम करें कुछ लोगों को भोजन के बीच के अंतराल के दौरान पेट में दर्द होता है। यदि आपको ऐसा होता है, तो पूरे दिन में छोटे-छोटे अंतराल में भोजन या स्नैक्स लें ताकि आपका पेट लंबी अवधि के लिए खाली न रहे। हालाँकि, इसके विपरीत भी हो सकता है। यदि आप ज़्यादा खा लेते हैं तो आपके पेट में दर्द हो सकता है।  
  • अपने खाने का ध्यान रखें वसायुक्त, तला हुआ या मसालेदार भोजन आपके पेट में परेशानी कर सकता है। यह आपके पाचन तंत्र की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं और आपको कब्ज होने की अधिक संभावना हो सकती है। अगर आप सब्ज़िओं और फाइबर के साथ अधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाते हैं तो आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।  
  • अपने चिकित्सक से सलाह लें यदि आपको दूध पीने के बाद या कोई निश्चित चीज़ खाने के बाद पेट में ऐंठन होती है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। ऐसा हो सकता है आपको डेयरी उत्पादों या किसी अन्य प्रकार के भोजन के प्रति असंवेदनशीलता हो। आपके डॉक्टर आपको इनसे दूर रहने के तरीकों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।  
  • अधिक पानी पिएँ पानी आपके पेट की गतिविधि ठीक रखता है ताकि आप नियमित रहें। जब आपको प्यास लगे तो पानी पिएँ और सोडे वाले पेय पदर्थों (जैसे कोल्ड-ड्रिंक) का सेवन कम करें। कार्बन युक्त पेय पदार्थ गैस कर सकते हैं जिससे पेट दर्द हो सकता है। अल्कोहल और कैफीनयुक्त पेय पदार्थ कुछ लोगों के पेट में परेशानी पैदा कर सकते हैं इसलिए यदि आपको भी इनसे परेशानी होती है तो इनसे दूर रहें।  
  • अपने हाथ धोएं पेट के दर्द का एक सामान्य कारण जठरान्त्रशोथ (पाचन तंत्र में संक्रमण और सूजन के कारण होने वाली एक बीमारी) है जिसे कभी-कभी पेट का वायरस कहा जाता है। इससे दस्त, मतली, बुखार या सिरदर्द हो सकते हैं। रोगाणुओं को फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है की विशेषकर खाने से पहले, शौचालय जाने के बाद और सार्वजनिक स्थानों पर उपस्थित होने पर बार-बार अपने हाथ धोएं।  
  • तनावमुक्त रहें कुछ लोगों को तनाव के कारण दिल की धड़कन में वृद्धि होती है या उनकी हथेलियों में पसीना आने लगता है या उन्हें पेट दर्द होता है। इसीलिए तनावमुक्त रहें और ऐसा करने के लिए आप व्यायाम , ध्यान लगाना आदि चीज़ें कर सकते हैं। यदि वे काम नहीं करते हैं, तो अपने चिकित्सक से सलाह लें।

दर्द के कारणों के आधार पर विभिन्न प्रकार के डॉक्टरों द्वारा पेट दर्द का इलाज किया जा सकता है। यदि दर्द गंभीर है तो आपको अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में भर्ती होना पड़ सकता है जहां आपातकालीन दवा चिकित्सक आपकी देखभाल करेंगे।

आप पेट के दर्द को कम करने के लिए एक हीटिंग पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं। कैमोमाइल या पुदीने की चाय गैस को कम करने में मदद कर सकती हैं। हालाँकि पेट दर्द के लिए निम्लिखित उपचार किए जा सकते हैं -

केमिस्ट से मिलने वाली दवाएं

  • गैस के दर्द के लिए, सिमेथिकोंन युक्त दवाओं से पेट दर्द में राहत मिल सकती है।
  • गैस्ट्रोइसोफ़ेगल रिफ़्लक्स रोग (जीईआरडी), से होने वाली जलन के लिए आप एंटासिड या एसिड कम करने वाली दवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
  • कब्ज के लिए, एक रेचक औषधि आपकी मदद कर सकती है।
  • दस्त से ऐंठन के लिए, लोपरामाइड या बिस्मथ सब-सैलिसिलेट वाली दवाएं आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकती हैं। (और पढ़ें -  डायरिया के घरेलू उपचार )
  • अन्य प्रकार के दर्दों के लिए, एसिटामिनोफेन सहायक हो सकती है लेकिन एस्पिरिन , इबुप्रोफेन या नैरोप्रोसेन जैसी गैर-स्टेरायडल एंटी-इन्फ्लैमेटरी दवाओं से दूर रहें।

आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए अगर आपको इनमें से कुछ लक्षण होते हैं -

  • गंभीर पेट में दर्द या दर्द कई दिनों तक रहना।
  • मतली और बुखार होना।
  • मल में खून आना।
  • पेशाब करने में दर्द होना।
  • मूत्र में खून आना।
  • मल पारित नहीं कर पाना और उलटी होना।
  • दर्द होने से पहले पेट में चोट लगना।
  • पेट में जलन होना और दवाओं से ठीक नहीं हो पाना।

साधारण तौर पर पेट दर्द एक या दो दिन में ठीक हो जाना चाहिए. अगर इससे ज़्यादा रहता है या फिर इनमें से कोई शिकायत है तो डॉक्टर की सलाह लें 

  • दर्द का बंद होने पर बार बार लौटना 
  • दस्त जैसे लक्षण जो एक दो दिनों से ज्यादा चल रहे हैं तो 
  • कम या ज्यादा बार पेशाब कर रहे हैं और इसमें दर्द होता है तो 
  • अनजाने में वजन घटाया हो तो

इसके अलावा अगर आपको दर्द होना शुरू हो गया है जो आपको पहले कभी नहीं हुआ है और बंद नहीं हो रहा है, या फिर दर्द के साथ साथ आप सुस्त भी महसूस कर रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

पेट दर्द कई कंडीशनों में हो सकता है. हालांकि, इसकी मुख्य वजह इंफेक्शन, असामान्य बढ़त सूजन, रुकावट और आंतों में परेशानी होना है. गले, आंतों और खून में इंफेक्शन के कारण बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र में प्रवेश कर सकता है, जिसके चलते पेट में दर्द हो सकता है.

कई मामलों में पेट के निचले बाएं हिस्से में लगातार दर्द डायवर्टीकुलिटिस के कारण होता है. डायवर्टिकुला छोटे पाउच होते हैं जो कोलन में कमजोर जगहों पर दबाव से बनते हैं. डायवर्टिकुला एक तरह की नॉर्मल कंडीशन हैं और ये 50 साल से ज्यादा उम्र के बाद होती है.

शरीर में ज्यादा हवा जाने, हाई फैट फू़ड से पेट खाली होने में देरी होती है. यहां तक ​​​​कि तनाव भी पेट की सूजन और पेट के निचले हिस्से में दर्द की वजह बन सकता है.

इसके अलावा भी निम्न कारण है जिसके चलते पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है -

  • गैस्ट्रोएन्टराइटिस
  • गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी)
  • अंतड़ियों में रुकावट
  • गैस्ट्रोपैरेसिस
  • क्रोहन बीमारी
  • डाइवर्टिक्युलाइटिस
  • संवेदनशील आंतों की बीमारी

दस्त से ऐंठन के लिए, लोपरामाइड या बिस्मथ सबसालिसिलेट वाली दवाएं आपको बेहतर महसूस करा सकती हैं. अन्य प्रकार के दर्द के लिए एसिटामिनोफेन मददगार हो सकती है.

आम तौर पर पेट दर्द एक सामान्य समस्या है जो किसी को भी हो सकती है. लेकिन कभी कभी ये ख़तरनाक भी हो सकता है. जैसे कि एपेंडिसाइटिस, आंत बाधा (छोटी या बड़ी आंत में कहीं खाद्य सामग्री का रुक जाना) या आंतों से खाद्य सामग्री का रिसाव होना जैसी स्थिति आमतौर पर बहुत ध्यान देने योग्य होती और अक्सर असहनीय संकेत और लक्षण पैदा कर सकती है. पेट दर्द इमरजेंसी मेडिकल समस्या का संकेत भी दे सकती है, जैसे -

  • आप गर्भवती हैं
  • पेट की सर्जरी या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रक्रिया (यहां तक ​​कि डायग्नोस्टिक एंडोस्कोपी) होने के एक हफ्ते के अंदर दर्द शुरू होना
  • कभी गैस्ट्रिक बाईपास, एक कोलोस्टॉमी या एक आंत उच्छेदन हुआ हो
  • पेट में गंभीर चोट लगने के कुछ ही समय बाद पेट दर्द शुरू होना
  • पेट कभी चोट लगी है या तेजी से आकार में बढ़ रहा हो

पेट दर्द शुरुआत में हल्का हो सकता है और फिर कुछ घंटों के बाद संबंधित लक्षण विकसित कर सकता है. अगर पेट दर्द के साथ आपको ये ऐसा कोई भी लक्षण दिखे को तुरंत डॉक्टर की सलाह लें -

  • पेट बहुत सख्त होना
  • छूने पर पेट में दर्द होना
  • खांसी या खून की उल्टी होना
  • लगातार उल्टी होना
  • खूनी दस्त लगना
  • सीने में दर्द या दबाव होना
  • सांस लेने मे तकलीफ होना
  • उल्टी के साथ मल त्याग करने में असमर्थता
  • गर्दन, कंधे या कंधे के ब्लेड के बीच दर्द होना
  • दृष्टि परिवर्तन
  • Sherman R. Abdominal Pain. In: Walker HK, Hall WD, Hurst JW, editors. Clinical Methods: The History, Physical, and Laboratory Examinations . 3rd edition. Boston: Butterworths; 1990. Chapter 86
  • Fields JM, Dean AJ. Systemic causes of abdominal pain. . Emerg Med Clin North Am. 2011 May;29(2):195-210, vii. PMID: 21515176.
  • National Health Service [Internet]. UK; Stomach ache
  • MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Abdominal pain
  • Healthdirect Australia. Abdominal pain . Australian government: Department of Health

पेट दर्द के डॉक्टर

Dr. Paramjeet Singh

शहर के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट खोजें

  • गुडगाँव के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • बैंगलोर के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • चेन्नई के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • जयपुर के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • अहमदाबाद के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • नोएडा के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • मैसूर के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • विशाखापत्तनम के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • हैदराबाद के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
  • पुणे के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट

पेट दर्द की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Stomachache in Hindi

पेट दर्द के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

पेट दर्द की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

पेट दर्द के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

टेस्ट का नाम

pet problem solution in hindi

पेट दर्द पर आम सवालों के जवाब

सवाल 5 साल से अधिक पहले, पेट दर्द क्यों होता है.

pet problem solution in hindi

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

पेट में दर्द होने की असंख्य वजहें हैं। यूं तो ज्यादातर पेट दर्द गंभीर नहीं होते और कुछ समय बाद बिना किसी दवाई के ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पेट दर्द के प्रति लापरवाही बरती जाए। बहरहाल पेट में दर्द की कुछ वजहें हैं उल्टी, कब्ज, गैस्ट्रोएन्टराइटिस और तनाव। इसके अलावा पेट दर्द किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकते हैं जैसे छोटी या बड़ी आंत से संबंधित समस्या, गुर्दे में प्रॅाब्लम वगैरह।

सवाल लगभग 5 साल पहले

पेट में दर्द कब होता है.

pet problem solution in hindi

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , सामान्य चिकित्सा

पेट में दर्द सुबह, दोपहर या शाम कभी भी और किसी भी समय हो सकता है। यह पूर्णतया इसकी वजह पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को खासकर सुबह या रात के समय पेट में दर्द होता है। इसकी वजह का पता लगाकर इसका उपचार किया जा सकता है। अगर पेट में दर्द बहुत तेज हो, तो इसे नजरंदाज किया जाना सही नहीं होता।

रात में पेट दर्द क्यों होता है?

pet problem solution in hindi

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

रात के समय पेट में दर्द होना बहुत ही आम समस्या है। यह दर्द पाचन तंत्र से संबंधित है। हालांकि इसे हल्के में लेना सही नहीं है। कई बार रात के समय पेट में दर्द होना कैंसर होने का लक्षण भी होता है। लेकिन इस लक्षण के साथ-साथ कैंसर के अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। अतः रात के समय सिर्फ पेट में दर्द हो तो अन्य लक्षणों पर भी गौर करें। साथ ही अपने पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए रात के समय अपने खानपान का भी ख्याल रखें। इससे रात के समय हो रहे पेट दर्द से राहत मिलेगी।

पेट दर्द से तुरंत राहत कैसे पाएं?

pet problem solution in hindi

Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS , गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक

पेट दर्द से तुरंत आराम चाहिए तो वजह जानकर उसका इलाज करें जैसे-

  • एंग्जाइटी की वजह से पेट दर्द है तो कुछ देर के लिए आंखें बंद करके बैठ जाएं और गहरी सांस लें। कुछ देर अपनी सांस की गति को नोटिस करें। संभव हो तो फ्रेश एयर में ऐसा करें। दर्द से तुरंत आराम मिल जाएगा।
  • गैस की वजह से पेट में दर्द है तो गैस को रिलीज करें। अकसर हम आसपास मौजूद लोगों की वजह से ऐसा करने से संकोच करते हैं। लेकिन पेट दर्द कम करने के लिए गैस रिलीज करना बहुत जरूरी है।
  • अगर आपको पीरियड्स की वजह से पेट में दर्द है तो हॅाट वॅाटर बैग को अपने पेट पर रखें। इससे थोड़ी देर में ही आराम मिल जाएगा।

सम्बंधित लेख

पेट दर्द के लिए योगासन

Dr. laxmidutta shukla.

पेट दर्द के लिए एक्यूप्रेशर ...

Dr. ayush pandey.

पेट के दाएं हिस्से में दर्द ...

Dr. rajalakshmi vk (aiims).

पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द

पेट के निचले हिस्से में दर्द

पेट के बाईं ओर दर्द

नए आर्टिकल पढ़ें.

हाइड्रोसील ऑपरेशन की प्रक्रिया व सावधानी

IMAGES

  1. Pet meaning in Hindi

    pet problem solution in hindi

  2. pet gas problem solution in hindi

    pet problem solution in hindi

  3. Pet In Hindi

    pet problem solution in hindi

  4. Pet meaning in hindi || pet ka matlab kya hota hai || word meaning

    pet problem solution in hindi

  5. Pet In Hindi

    pet problem solution in hindi

  6. PET HINDI 2021/PET HINDI अपठित गद्यांश/PET HINDI classes/Pet Hindi

    pet problem solution in hindi

VIDEO

  1. Toy Story The Pet Problem (With Highlighted Words) Read Along: Cd Audio

  2. जिंदगी में सब कुछ पालना, लेकिन गलतफहमी मत पालना 👍 Don't Maintain Misunderstandings...😡

  3. Handy Manny

  4. Handy Manny Pet Problem Felipe's New Job

  5. How to be a Pro in your Bedroom

  6. Dawlance dc inverter ac remote temperature display problem & solution|hindi|urdu|

COMMENTS

  1. पेट में गैस बनने के कारण, लक्षण और इससे निजात पाने के 12 उपाय

    पेट से संबंधित कई तरह की समस्याओं में पेट में गैस बनना एक आम समस्या है। छोटी उम्र से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, हर उम्र के व्यक्ति को कभी न कभी इस ...

  2. पेट फूलने की समस्या के कारण और छुटकारा पाने के उपाय

    पेट फूलने का इलाज - Pet phoolna ka ilaj in hindi पेट फूलने की दवा अदरक की चाय - Ginger tea for gas relief in hindi पेट फूलने की समस्या को दूर करने के लिए नींबू पानी का करें ...

  3. पेट दर्द (Stomach Pain)के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

    पेट में दर्द (Stomach Pain) से राहत पाने के लिए अनेक तरीके मौजूद हैं। पेट के दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खों, अंग्रेजी दवाओं ...

  4. पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

    पेट में इन्फेक्शन के लक्षण - Gastroenteritis Symptoms in Hindi पेट में इन्फेक्शन के कारण और जोखिम कारक - Stomach Infection Causes & Risk Factors in Hindi

  5. पेट में गैस की समस्या दूर करने के उपाय और इलाज

    पेट में गैस के कारण - Causes of Stomach Gas in Hindi. पेट में गैस के कारणों को लेकर कई प्रकार के शोध किए गए हैं। विभिन्न शोध में पाया गया है कि पेट में गैस के कारण होते हैं ...

  6. Stomach Bloating: अक्सर होती है पेट फूलने या गैस की समस्या? इन 4 कामों

    पेट फूलना एक आम समस्या है जो पेट में बनने वाली गैस होती है. इसे पेट की सूजन भी कहते हैं. सामान्य तौर पर ये खाना खाने के ठीक बाद महसूस होता है. इसकी वजह से ...

  7. पेट में गैस बनने के कारण लक्षण और दूर करने के आसान घरेलू उपाय

    पेट की दीवारों से गैस्ट्रिक एसिड (Gastric acid) एवं पेप्सिन को अधिक स्रावित होने से रोकने में दालचीनी सहायक होती है। इसके सेवन से पेट की गैस ...

  8. Home remedies for stomach gas in Hindi

    पेट से गैस निकालने का उपाय है सेब का सिरका - Gas dur karne ka tarika hai apple vinegar in Hindi. गैस की रामबाण औषधि है बेकिंग सोडा - Gas se chutkara pane ka upay hai baking soda in Hindi. पेट की गैस से ...

  9. What Is The Best Home Remedy For Gas,Gas and bloating: पेट गैस से

    पेट में गैस और ब्लोटिंग आम तौर पर खाने की गलत आदतों, अजीर्ण, तनाव या अन्य कारणों से होती हैं। इससे आपको पेट में दर्द, जलन, उल्टी या अपच की समस्या हो सकती है ...

  10. 15 home remedies for instant gas relief- यहां हैं गैस से रिलीप के लिए

    हम में से कईयों के शरीर में बार-बार गैस (Stomach Gas) बनने की शिकायत होती है। क्या आप जानती हैं कि ऐसा क्यों होता है? तो इस लेख को अंत तक पढ़ती रहें।

  11. पेट में गैस बनने के 20 आयुर्वेदिक घरेलू उपचार

    पेट में गैस का घरेलू उपचार है लौंग - Gas se chutkara pane ka ayurvedic upay Cloves in Hindi. पेट में गैस की समस्या का समाधान लहसुन - Pait me gas ki rambad dawa Garlic in Hindi. पेट की गैस का इलाज ...

  12. Gastritis/ Acidity home remedies and Diet, Gastric problem solution in

    In this video, we have discussed the Home remedies (घरेलु इलाज) of Gastritis / Acidity/gas problems/heartburn (पेट में जलन) in HindiWe have talked about diet...

  13. Pet Gas Problem solution In Hindi

    Pet Gas Problem solution In Hindi | भूलकर न खायें ये 5 फूड,नहीं तो जाना पड़ेगा हास्पिटलyour queries :pachan shakti ...

  14. पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव

    यह लेख पेट में इन्फेक्शन (आंत्रशोथ) के जानकारी के बारे में है। इस लेख में आप पेट में इन्फेक्शन के कारण, लक्षण, प्रकार, जांच, इलाज, बचाव और घरेलू उपाय के ...

  15. Pet Me Gas Ke Upay in Hindi |How to Manage Acidity (Gastritis ...

    #pawanbasniwal, #Acidity Kyon Hoti, #Acidity Ke Gharelu Upay, #How to Manage Acidity (Gastritis) at Home, #Home Remedies for Acidity, # ...

  16. Quick Relief Home Remedies For Acidity And Stomach Gas In Hindi Pet Ki

    Home remedies for acidity and stomach gas in hindi: पेट में दर्द के साथ ही गैस सिर में भी चढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी नहीं है तुरंत दवा ही ली जाए। कई बार घर में ही समस्याओं का इलाज होता है ...

  17. पेट दर्द के घरेलू उपाय

    पेट दर्द का घरेलू उपाय है अदरक - Pet dard ka gharelu upay hai ginger in Hindi. पेट दर्द ठीक करने का घरेलू उपाय है सौफ - Pet dard thik karne ka gharelu upay hai fennel in Hindi. पेट दर्द रोकने का तरीका ...

  18. एसिडिटी (पेट में जलन)

    जानें एसिडिटी (पेट में जलन) के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, परीक्षण के तरीकों के बारे में | Jane Acidity (pet me jalan) Ke Karan, Lakshan, ilaj, Dawa Aur Upchar Hindi Me

  19. पेट दर्द

    पेट दर्द के कारण - Stomach Pain Causes in Hindi पेट दर्द से बचाव - Prevention of Stomach Pain in Hindi पेट दर्द का इलाज - Stomach Pain Treatment in Hindi पेट दर्द कितने समय तक रहना चाहिए?